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Desi Chudai

तीनों जाटनियों की देसी चुदाई – Desi Chudai

Desi Chudai  करके उसके गर्भ में अपना बीज डाल दिया मैंने| उसे उसकी छोटी बहन ही मेरे कमरे में चुदाई के लिए लेकर आयी थी | नमस्कार दोस्तो, मैं आपका समीर वर्मा , हिन्दी देसी चुदाई की कहानी की साइट अन्तर्वासना पर आपका लौड़ा खड़ा करने और चुत गीली करने के नजरिए से स्वागत करता हूँ|

मेरी यह सच्ची सेक्स कहानी मकान मालकिन की बड़ी बेटी सुहानी की चुदाई की है, जिसको उसकी सगी छोटी बहन ने ही मेरे बिस्तर तक पहुंचाया था| अब मजा लीजिए देसी जाटनी की चुदाई का|

रात को मैं अपने रूम में नंगा ही बिस्तर पर लेटकर हमेशा की तरह चुदाई की कहानी पढ़कर मज़ा ले रहा था| तभी मेरे दरवाजे पर दस्तक हुई| मैंने दरवाजा खोला तो सामने सुमन खड़ी थी|

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तीनों जाटनियों की देसी चुदाई - Desi Chudai

मैंने देखा, तो उसके साथ एक लंबी गोरी, बड़े बड़े मम्मों वाली और बाहर निकली गांड वाली एक औरत भी थी, जिसकी उम्र 27 साल के आस-पास की थी| उनको मैंने इशारा किया तो वो दोनों अन्दर आ गईं| मैंने दोनों को बिस्तर पर बैठने को कहा|

सुहानी मुस्करहाट के साथ बोली- समीरये है मेरी बड़ी बहन सुहानी || और दीदी यही है राज! मैंने मुस्कुराते हुए कहा- हैलो सुहानी | उस जाटनी ने धीरे से बोला- हाय समीर |

मैंने इशारा किया तो सुमन बोली- मेरा काम खत्म हुआ … अब मैं सोने जा रही हूं| इसके बाद उसने सुहानी के कान में कुछ कहा और मुस्करा कर अपने घर चली गई| मैंने दरवाजा बंद किया और बिस्तर पर आ गया|

मैंने सुहानी से कहा- सुहानी , मैं समीर वर्मा हूं और बिल्डिंग का किराया मैं ही आंटी को पहुंचाता हूं| वो मेरे पहलू में लेटने को हुई तो मैंने उसे खींच कर बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूचियों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया|

लेकिन वो बोली- समीरलाइट बंद कर लो || मुझे शर्म आ रही है| मैंने उसकी बात मान ली और वैसा ही किया| फिर वापस बिस्तर पर आ गया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर चूसने लगा| वो भी धीरे धीरे साथ देने लगी थी|

धीरे धीरे मेरे हाथ उसके शरीर पर चलने लगे थे| मैंने उसकी चोली के हुक खोल दिए और चूची दबाने लगा| वो मेरे लौड़े को अपने हाथों में लेकर हिलाने लगी| मैंने उसकी चोली और ब्रा उतार दी| उसके चूचे बाहर फुदक कर मेरे हाथों में आ गए थे|

उसके बूब्स काफी बड़े बड़े थे, जो उसकी दोनों बहनों से ज्यादा भरे हुए और सख्त थे|तभी उसने अपने हाथ में थूक लगाया और लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगी|मैंने उसके घाघरे को नीचे खिसकाने की कोशिश की तो उसने नाड़ा खोल दिया और घाघरा नीचे कर दिया| उसने अन्दर पैंटी नहीं पहनी थी|

उसकी चूत को मैंने अपने हाथ से रगड़ना चालू कर दिया| उसने घाघरा नीचे करके टांगों से अलग दिया| अब वो पूरी नंगी हो चुकी थी| मैंने उसे लंड चूसने को कहा, तो वो बैठ गई और लंड मुँह में लेकर चूसने लगी| वो मेरे लंड को बड़े मजे से चूस रही थी और गोटियों को सहला रही थी|

इससे मेरे लौड़े को जोश आने लगा| वो लंड के सुपारे को धीरे धीरे चूसने लगी| वो चुदाई के खेल की पुरानी खिलाड़ी थी और अपनी कला दिखाते हुए लंड को मस्ती में चूस रही थी| कुछ ही देर में उसने मेरे लौड़े को बिल्कुल तैयार कर दिया था|

उसने लंड हिलाते हुए कहा- समीर, अब लाइट चालू कर दो| मतलब ये था कि उसने वर्मा ना छोड़ दिया था और वो खुल कर खेलने के मूड में आ गई थी| दूधिया उजाले में उसकी नंगी जवानी बहुत सेक्सी लग रही थी|

उसने अपने नीचे पड़े घाघरे की जेब से एक शैम्पू जैसा निकाल कर लंड में धीरे धीरे लगा दिया| इससे मेरे लंड ने तनकर लोहे की रॉड का आकार ले लिया| वो लंड कड़क देख कर बोली- समीरतुम पहले अपने लंड को मेरी गांड में घुसा दो || और कुछ भी हो जाए, रूकना नहीं|

मैंने उसे बिस्तर पर घोड़ी बनाया और उसकी गांड पर तेल लगाकर अपना लंड एकदम से पूरा घुसा दिया और तेज़ तेज़ झटके मारकर चोदने लगा| वो ‘ऊईईई ऊईईई मर गई || बचाओ बचाओ अम्मा … इसने मेरी गांड फाड़ दी || बचाओ बचाओ जान निकल गई अम्मा अम्मा अम्मआह ||’ चिल्लाने लगी|

मैंने अपने लौड़े को पूरी रफ्तार से अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया और तेज़ तेज़ झटके मारने लगा| मेरा लौड़ा उस शैम्पू से ज्यादा मोटा और सख्त हो गया था और उसकी गांड का छेद मेरे लौड़े की मार से सिकुड़ और फैल रहा था|

कुछ देर बाद गांड ने लौड़े का साइज़ समझ लिया था और उसकी आवाज बिल्कुल बंद हो गई थी| उसकी आंखें बंद होने लगी थीं| मैंने उसके कंधों को पकड़ कर झटका लगाया, तो उसकी ‘ऊईईई ऊई माँ ईईईई …’ की तेज चीख निकल पड़ी|

तो मैंने लंड रोक दिया, तो वो अपनी आवाज समेटते हुए बोली- समीर तुम रूको मत लगे रहो| मैंने अपने लौड़े को और तेज़ तेज़ अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया और ‘ऊईईई ऊईईईई …’ करके वो लंड लेती रही|

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तीनों जाटनियों की देसी चुदाई - Desi Chudai

अचानक से मेरे लौड़े ने वीर्य छोड़ दिया| मैं चौंक गया कि मेरा लंड इतनी जल्दी कैसे झड़ गया| मगर अब खेला शुरू हुआ| सुहानी ने अपनी गांड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया| मैं चुप हो गया था|

वो बोली- समीर क्या हुआ? मैंने कहा- मेरा हो गया| वो जोर जोर से हंसने लगी और बोली- पहले देख तो || तेरा लंड अब भी खड़ा है| मैंने महसूस किया कि मेरा लौड़ा खड़ा है और सुहानी अपनी गांड आगे पीछे करके चुदाई का मज़ा लेने में लगी थी| ये चमत्कार देख कर मैं हतप्रभ रह गया था और मेरा आत्मविश्वास फिर से लौट आया था|

अब उसकी गांड मेरे वीर्य से चिकनी हो गई थी और लंड आसानी से अन्दर जाने लगा| उसने बताया कि वो शैम्पू नहीं था, क्रीम थी| इससे लंड ढीला नहीं होता है| गांड में चिकनाहट हुई तो मैंने अपने लौड़े को तेजी से अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया| सुहानी भी अपनी गांड को तेज़ चलाने लगी|

अब सुहानी का दर्द जा चुका था और लंड के धक्के उसे मजा देने लगे थे| कुछ देर बाद मैंने उसे उठाकर बिस्तर पर झुका दिया और गांड में लंड डालकर चोदने लगा|

अब वो भी मादक आवाजों में मस्ती फैलाने लगी थी- आह समीरऔर तेज़ तेज़ चोदो आहह आह ओहहह और तेज़! मैं उसकी गांड पर थपकी देने लगा| वो बोली- तू तो जाटनी को ऐसे चोद रहा है … जैसे किसी रंडी को चोद रहा हो|

मैंने कहा- मैं तेरी दोनों बहनों को एक साथ चोद चुका हूं| इस बात से वो जल गई और बोली- वो दोनों रंडियां बहुत किस्मत वाली हैं| सुमन तो साली मेरे मर्द से भी मेरे सामने चुदवा चुकी है|

मैं सुहानी को चोदते हुए बोला- हां मुझे सब पता है| ये कह कर मैं उसे और तेज़ तेज़ चोदने लगा| अब सुहानी को भी गांड मरवाने में बहुत मजा आ रहा था| उसने बताया कि वो पहले वाले किरायेदार अंकल से बहुत चुदवाती थी| उसका लंड भी तेरे लौड़े के जैसे ही मजा देता था|

मैंने कहा- हां तुझे तो लंड की पूरी जानकारी लगती है| वो हंसने लगी| अब मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूत में लंड फेरने लगा| वो बोली- समीर जल्दी से अन्दर घुसा दो|

मैंने झटके से लंड चुत में घुसा दिया और तेज़ तेज़ चोदने लगा| वो ‘आहह आहह …’ करके चुदाई का मज़ा ले रही थी और चिल्ला रही थी- आह तेज़ तेज़ चोद बिहारी … चोद मुझे मैं रंडी हूं … आह माँ के लौड़े मेरी चूत फ़ाड़ दे आहह हहह ऊईई ईईई … और तेज़ तेज़ अन्दर तक घुसा दे|

मैंने अपने लौड़े को चौथे गियर में डाल दिया और ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा| अब उसकी आवाज लड़खड़ाने लगीं और मेरा लौड़ा उसकी चूत के मैदान में सरपट दौड़ने लगा|

पूरा कमरा चुदाई की आवाजों से गूंज उठा था और दोनों ही चुदाई के नशे में डूब चुके थे| आज तो मेरा लौड़ा अपने आप ही सुहानी की चूत में अन्दर-बाहर करने लगा था| सुहानी भी अपनी कमर हिला हिला कर लंड का जवाब देने लगी थी|

फिर मैंने उसकी एक टांग उठा दी और तेज़ी से लंड चुत में अन्दर-बाहर करने लगा| असकी ‘आहह ओऊहह आहहह … मादरचोद चोद दे भोसड़ी के …’ मुझे और जोश दे रही थी और मेरा लंड बेकाबू होकर चोद रहा था|

तभी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और लंड फच्च फच्च फच्च फच्च का शोर करते हुए चुदाई करने लगा| अब लंड फिसलता हुआ बच्चेदानी तक टक्कर मारने लगा था और उसी समय मेरे लौड़े ने वीर्य छोड़ दिया|

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तीनों जाटनियों की देसी चुदाई - Desi Chudai

उसकी चूत लंड रस से भर गई थी लेकिन लंड अब भी खड़ा था| मैंने कुछ सोचा और झटके मारना शुरू कर दिया| अब वीर्य चूत के बाहर बहने लगा था| गीला लंड फच्च फच्च करके चुत में अन्दर बाहर होने लगा| लंड अपने आप फिसलने लगा था|

ऐसा मेरे साथ पहली बार हो रहा था| मैंने उसकी टांग को छोड़ दिया और लंड बाहर निकाल लिया| फिर उसके ऊपर आकर दोनों बूब्स के बीच लंड रखकर चोदने लगा|

उसने मम्मों को हाथ से दबा कर टाइट कर दिया और लंड आगे पीछे करवाने लगी| दस मिनट तक उसकी चूचियों को चोदने के बाद मैंने उससे लंड पर बैठने को कहा और मैं लेट गया|

वो लंड पर गांड रखकर बैठ गई और लंड गांड में घुस गया| वो मस्ती में उछल उछल कर गांड पटकने लगी| हम दोनों बराबर से धक्का लगाने लगे और थप थप्पप थप की आवाज़ तेज हो गई थी|

कुछ देर बाद उसकी गांड की चाल धीमी हो गई थी तो मैंने नीचे से झटके मारने शुरू कर दिए| वो फिर से ‘आहह उम्मह आहह …’ करके पूरा लौड़ा अन्दर तक लेने लगी थी|

कुछ देर बाद मैंने उसे उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी गांड को पकड़कर उठा दी| लंड पेल कर गांड में अन्दर-बाहर करने लगा| वो मादक सिसकारियां ले रही थी और ‘हहह आह उम्मह आहहां आह हहह …’ करके लंड को अपनी गांड में दबाने लगी थी|

मैंने भी अपने लौड़े को तेजी से अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया| फिर मैंने उसे बिस्तर से उठाया और नीचे खड़ा कर दिया| उसका एक पैर जमीन पर … और एक अपने हाथ में पकड़ लिया| इससे उसकी चूत खुल गई और मैं चुत में लंड घुसा कर झटके देने लगा|

वो मस्ती से मादक आवाजें करते हुए अपनी चुत में लंड को ले रही थी| मेरा लौड़ा उसकी चूत में पूरा अन्दर जाता और बाहर आ जाता| फिर से अन्दर और बाहर होता तो उसकी कमर बड़ी मस्त थिरक रही थी|

इस तरह से मुझे कुछ थकावट सी होने लगी थी तो मैंने उसको फिर से बिस्तर पर लिटा दिया और दोनों पैरों को फैला कर हवा में उठा कर चुत चोदने लगा| इस समय मेरे लौड़े के झटकों से उसकी बड़ी बड़ी चूचियां जोर जोर से हिलने लगी थीं|

मैंने अपने लौड़े की रफ्तार तेज कर दी और झटके मारते मारते उसकी चूत को वीर्य से भर दिया| हम दोनों चिपक कर लेट गए और दोनों को नींद आ गई| सुबह 4 बजे मेरे फ़ोन की घंटी बजी| ये सुमन की आवाज थी|

वो बोली- सुहानी क्या कर रही है? मैंने कहा- सो रही है| तभी सुमन बोली- उस रांड को सोते हुए ही चोद डाल,और 5 बजे से पहले घर भेज देना| मतलब फोन पर दोनों बहनें अपनी बड़ी बहन की चुदाई के लिए मुझे उकसा रही थीं|

मैंने फोन रखते ही अपने लौड़े को थूक लगाया और हिला कर खड़ा कर दिया| सोती हुई सुहानी की टांगों को खोल कर मैंने एक झटके में उसकी चूत में लंड घुसा दिया और तेज़ तेज़ चोदने लगा|

मेरे लौड़े के झटकों से उसकी नींद खुल गई| वो कलप उठी लेकिन रांड जल्दी ही मस्ती से लंड लेने लगी थी| मैं अपनी पूरी रफ्तार से उसे चोदने लगा| वो बोली- साले बिहारी … जगा तो लेता|

मैंने कहा- मेरे लौड़े ने टाइम ही नहीं दिया ,तेरी चुत खुली दिखी तो बस पेल दिया| मैं लंड चुत में तेज़ तेज़ अन्दर बाहर करने लगा| वो गांड उठा कर लंड से चुदाई का मजा लेने लगी|

दस मिनट बाद मैंने उसे उठाकर लंड पर बैठा दिया और नीचे से गांड उठा कर उसकी चूत को चोदने लगा| वो भी लंड पर उछल उछल कर गांड पटकने लगी|

मैं रुक गया तो वो लंड को अपनी चूत से चोदने लगी| उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां मेरे हाथों में आ गई थीं, मैं बेरहमी से मसलने लगा| इससे उसे मजा आने लगा और आवाजें करती ही उछल उछल कर लंड अन्दर तक लेने लगी थी|

कुछ ही देर में उजाला होने लगा था| ये देख कर सुहानी बोली- समीरजल्दी जल्दी चोद , मुझे जाना भी है| मैं भी अपने लौड़े को पूरी रफ्तार से अन्दर-बाहर करने लगा| सुहानी की चूत ने पानी छोड़ दिया तो फच्च फच्च फच्च करके लंड तेज़ी से अन्दर-बाहर होने लगा|

मैंने उसे बिस्तर पर चित लिटा दिया और ऊपर चढ़कर चोदने लगा| मेरा लौड़ा उसकी भोसड़ी में सरपट दौड़ने लगा था और सुहानी की चूत में अन्दर तक जाने लगा था| चुदाई की आवाज भी तेज होने लगी थी|

मैंने अपना काबू छोड़ दिया तो लंड ने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी| सुहानी की बच्चेदानी तक वीर्य जाने लगा| वो मुझे अपनी बांहों में कस कर चिपक गई और बोली- समीरअपना पूरा वीर्य अन्दर बच्चेदानी में निकाल दे!

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मैंने दो तीन झटके लगाकर लंड का सारा वीर्य अन्दर बच्चेदानी में निकाल दिया और उसके ऊपर चढ़ कर लेट गया| लंड को बाहर ही नहीं निकाला| हम दोनों ने एक-दूसरे को पागलों की तरह चूसना शुरू कर दिया था|

वो बोली- समीर, आज तुमने जाटनी की चूत में बच्चा डाल दिया| मैं चौंक गया, तो वो बोली- समीर, मैं मां बनना चाहती हूं| मेरा पति बाप नहीं बन सकता || तू जाट परिवार को वारिस दे रहा है|

ये सुनकर मेरा लौड़ा उसकी चुत में ही अंगड़ाई लेने लगा| मैंने अपने लौड़े को फिर से झटके लगाना शुरू कर दिया और तेज़ तेज़ हरयाणवी जाटनी की चुदाई करने लगा|

हम दोनों एक-दूसरे से लिपटकर भावुक हो गए थे| मैंने अपने लौड़े की रफ्तार बढ़ा दी और तेज़ी से अन्दर-बाहर करने लगा| आज मैं जाटनी को चोदकर मां बनाने वाला था|

मैंने दस मिनट तक बिना रूके सुहानी की चुत को जमकर चोदा और दोबारा से वीर्य की पिचकारी सुहानी की बच्चेदानी में छोड़ दी| सुहानी बहुत खुश थी| वो बोली- समीरआज के बाद मैं तुम्हारे लौड़े की गुलाम हूं|

तुम जो कहोगे, मैं करूंगी| मेरे पति और ससुराल वालों को जब पता चलेगा तो वो भी बहुत खुश होंगे| मैंने चुत में से लंड को बाहर निकाल लिया और सुहानी से कहा- सुबह होने वाली है| अब तुम कपड़े पहनो और घर जाओ|

उसने मेरे लौड़े को मुँह में लेकर चूस कर साफ़ कर दिया और अपनी चोली और घाघरा पहन लिया| उसने ब्रा मेरे लौड़े पर रख दी और होंठों को चूसने लगी| उसने मुझे धन्यवाद कहा और मेरे लौड़े का आशीर्वाद लेकर अपने घर चली गई|

मैं थोड़ी देर लेटा रहा और तैयार होकर ड्यूटी चला गया| दोस्तो, उसके बाद भी मैंने तीनों जाटनियों को कई बार चोदा|

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