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Antarvasna Story

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चूत की खुजली मिटाते मेरा दीवाने खास- Antarvasna

मेरे घर पर मेरी सहेली महिमा आती है जब महिमा घर पर आती है तो मैंने महिमा से कहा कि आज तुम काफी दिनों बाद घर पर आ रही हो तो महिमा मुझे कहने लगी की राधिका तुम तो जानती ही हो कि घर में कितना ज्यादा काम रहता है और अपने लिए बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता है।

मैंने महिमा से कहा यह तो तुम बिल्कुल ठीक कह रही हो। काफी समय बाद महिमा मुझसे मिलने के लिए आई थी तो मैंने महिमा को कहा कि क्यों ना हम लोग आज शॉपिंग करने के लिए चले तो महिमा ने मुझे कहा हां ठीक है हम लोग शॉपिंग करने के लिए चलते हैं।

उस दिन हम दोनों शॉपिंग करने के लिए गए हम दोनों अपने कॉलेज के दिनों को याद कर रहे थे महिमा से जब मैं पहली बार अपने कॉलेज में मिली थी तो मुझे महिमा से मिलकर काफी अच्छा लगा था और मैं बहुत खुश भी थी।

जब वह मुझसे मिली तो हम दोनों के बीच काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी और समय के साथ हमारी दोस्ती और भी ज्यादा बढ़ने लगी थी और हम दोनों काफी ज्यादा खुश थे। उस दिन हम दोनों शॉपिंग कर के घर लौटे तो मेरे पति भी घर आ चुके थे उन्होंने मुझसे पूछा राधिका तुम कहां चली गई थी तो मैंने उन्हें बताया कि मैं शॉपिंग करने के लिए चली गई थी।

वह मुझे कहने लगे कि लेकिन तुमने तो मुझे इस बारे में कुछ भी नहीं बताया मैंने अपने पति से कहा कि मैं आपको बताना भूल गई थी। वह इस बात पर मुस्कुराने लगे और कहने लगे कि क्या तुम यह बताना भूल गई थी कि तुम शॉपिंग करने गई थी मैंने उन्हें कहा अब आपको जैसा भी लगता है लेकिन मैं और महिमा शॉपिंग करने के लिए गए थे। महिमा ने कहा कि राधिका मैं अब चलती हूं मैंने महिमा को कहा कि मैं तुम्हारे लिए चाय बना देती हूं तो महिमा कहने लगी कि नहीं रहने दो।

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उसके बाद महिमा चली गई महिमा अपने घर जा चुकी थी और काफी दिनों बाद मैं महिमा से मिली। जब मैं महिमा को मिलने के लिए गई तो उसने मुझे बताया कि वह कुछ दिनों के लिए अपने मायके जा रही है। मैंने महिमा को कहा कि अब तो तुम्हारे पापा मम्मी चंडीगढ़ में रहते हैं क्या तुम उन्हें मिलने के लिए चंडीगढ़ जा रही हो तो महिमा मुझे कहने लगी कि हां मैं उन्हें मिलने के लिए चंडीगढ़ जा रही हूं।

मैंने महिमा को कहा तुम वहां से कब वापस लौटोगी तो महिमा ने मुझे कहा कि वहां से मैं जल्दी ही लौट आऊंगी क्योंकि पापा की तबीयत ठीक नहीं है इसलिए मैं उनसे मिलने के लिए जा रही हूं। मैंने महिमा को कहा चलो यह तो अच्छा है कि तुम उनसे मिलने के लिए जा रही हो।

महिमा ने मुझे कहा कि हां और उसके बाद महिमा चली गई। महिमा अपने पापा मम्मी से मिलने के लिए चंडीगढ़ चली गई थी। जब महिमा दिल्ली लौट आई तो मैं उसको मिलने के लिए उसके घर पर गई महिमा काफी ज्यादा परेशान थी मैंने महिमा को कहा कि महिमा तुम परेशान क्यों हो तो महिमा ने मुझे बताया कि उसके पापा की तबीयत काफी ज्यादा खराब है।

मैंने महिमा को कहा कि तुम चिंता मत करो सब कुछ ठीक हो जाएगा महिमा मुझे कहने लगी की राधिका डॉक्टर ने उन्हें कहा है कि उन्हें आराम की जरूरत है, मैंने महिमा को कहा तुम घबराओ मत। महिमा के पापा मम्मी पहले दिल्ली में ही रहा करते थे लेकिन अब वह लोग चंडीगढ़ शिफ्ट हो चुके हैं।

महिमा उनकी इकलौती लड़की है और महिमा मेरी बहुत ही अच्छी दोस्त है मुझे महिमा का साथ हमेशा ही अच्छा लगता है और मैं महिमा को अपनी सबसे ज्यादा करीब पाती हूं। मुझे महिमा के साथ हमेशा ही रहना अच्छा लगता है और महिमा से जब भी मैं अपनी तकलीफों को साझा करती हूँ तो मुझे बहुत अच्छा लगता है।

एक दिन मेरे पति ने मुझे कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए अपने ऑफिस के काम से बाहर जा रहा हूं तो तुम की देखभाल करना। मैंने अपने पति से कहा हां मैं मां की देखभाल कर लूंगी तुम बिल्कुल चिंता मत करो वह मुझे कहने लगे कि तुम मां को समय पर दवाई दे देना।

मैंने उन्हें कहा हां मैं मां को समय पर दवाई दे दूंगी आप बिल्कुल भी चिंता ना करें उसके बाद वह कुछ दिनों के लिए अपने ऑफिस के टूट से चले गए। मैं और मां घर पर थे मेरी सासू मां की तबीयत ठीक नहीं रहती है इसलिए उन्हें डॉक्टर ने कुछ दवाइयां दी थी जो की उन्हें समय पर देनी पड़ती है। मैंने मां को दवाई दी और उस दिन मैं घर पर ही थी जब उस दिन महिमा ने मुझे कॉल किया तो मैंने महिमा से कहा कि क्या तुम क्या आज फ्री हो।

महिमा मुझे कहने लगी कि हां मैं आज फ्री हूं मैंने महिमा को कहा तो फिर तुम मुझसे मिलने के लिए आ जाओ महिमा कहने लगी कि ठीक है मैं तुमसे मिलने के लिए आती हूं। उस दिन महिमा मुझसे मिलने के लिए आ गई और वह जब मुझसे मिलने के लिए आई तो मुझे काफी अच्छा लगा।

महिमा ने मुझसे पूछा कि तुम्हारे पति कहां गए हैं तो मैंने महिमा को बताया कि वह अपने ऑफिस के टूर से बाहर गए हुए हैं जल्द ही वह वहां से लौट आएंगे। मैं और महिमा घर पर ही थे हम दोनों एक दूसरे से बात कर रहे थे फिर महिमा ने मुझे शाम के वक्त कहा की अब मैं चलती हूं।

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महिमा अपने घर चली गई और मैं घर पर ही थी उसके बाद मैं रसोई में खाना बनाने की तैयारी कर रही थी और रात का डिनर मैंने और मेरी सासू मां ने साथ में किया। रात को मेरे पति का फोन आया तो हम लोगो ने एक दूसरे से काफी देर तक बात की।

हम दोनों ही काफी खुश थे मेरे पति ने मुझे कहा कि तुम मां की देखभाल करना, उन्हें मां की बहुत चिंता सताती है। हम लोगों की काफी देर तक फोन पर बात हुई फिर मैंने फोन रख दिया और उसके बाद मैं भी सो गई। मैं उस वक्त घर पर अकेली थी इसलिए उस दिन मेरी चूत में कुछ ज्यादा ही खुजली हो रही थी।

मैंने उस दिन हमारे पड़ोस में रहने वाले राजेश को अपने घर पर बुला लिया। वह मुझ पर अक्सर डोरे डाला करते थे लेकिन उस दिन मैंने जब उनको घर पर बुलाया तो वह बहुत ज्यादा खुश थे।

राजेश भी शादीशुदा है उन्होंने मेरी चूत की खुजली मिटाने की जैसे कसम खा ली थी। जब मैंने उनके सामने अपने कपड़ों को खोला तो वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गए। उन्होंने मुझे अपनी गोद में बैठा लिया। मैं जब राजेश की गोद में बैठी तो राजेश का लंड तन कर खड़ा हो रहा था और मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था।

जब राजेश का लंड पूरी तरीके से तन कर खड़ा हो चुका था और अब मेरे अंदर की गर्मी भी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी। मैंने राजेश के लंड को अपने हाथों में लेकर उसे हिलाना शुरू किया। जब मैंने ऐसा करना शुरू किया तो राजेश को बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा और वह मुझे कहने लगे मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है।

मैंने राजेश के लंड से पानी बाहर निकाल दिया था। मैं रक्ष नहीं पा रही थी। मैंने राजेश को कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है। राजेश ने मुझसे कहा तुम अपने पैरों को चौड़ा कर लो।

मैंने अपने पैरों को खोल लिया और राजेश ने मेरी पैंटी को उतारते हुए मेरी चूत पर अपनी उंगली को लगाया और धीरे-धीरे वह अपनी उंगली से मेरी चूत को सहलाते चले गए। मेरी चूत के अंदर जैसे ही राजेश ने अपनी उंगली को घुसाया तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था और अब मेरे अंदर की गर्मी भी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी।

मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आने लगा था और राजेश को भी मजा आ रहा था। राजेश ने मेरी चूत की गर्मी को इतना ज्यादा बढा दिया था कि अब मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी। मैंने अपने पैरों को खोल कर राजेश को कहा तुम मेरी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दो।

राजेश ने ऐसा ही किया जब मैंने अपने दोनों पैरों को चौड़ा कर लिया तो राजेश ने मेरी चूत पर अपने लंड को लगाकर अंदर की तरफ धकेलना शुरू किया। राजेश का मोटा लंड मेरी चूत के अंदर जा चुका था मेरे मुंह से एक जोरदार चीख निकली। राजेश ने मेरे मुंह पर अपने हाथ को रखते हुए मेरे पैरों को कसकर पकड़ लिया था।

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अब राजेश ने मेरी दोनों मोटी जांघें को कसकर पकड़ लिया था जिससे कि मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था। राजेश ने मुझे अपनी पूरी ताकत के साथ पेलना शुरू कर दिया। जब राजेश ऐसा करते तो मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था। राजेश मुझे कहने लगे मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा है। राजेश ने मेरी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को बड़ी ही तेजी से करना शुरू कर दिया था। राजेश ने मुझे कहा अब तुम मेरे ऊपर से आ जाओ। मैंने राजेश के लंड से अपनी चूत को निकाला और फिर राजेश के लंड को दोबारा से अपनी चूत मे ले लिया।

मैं राजेश के ऊपर से लेटी हुई थी राजेश मेरे स्तनों को चूस रहे थे। उन्होंने मेरी गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ा कर रख दिया था अब मेरी गर्मी बढ चुकी थी। राजेश जिस प्रकार से मुझे धक्के मार रहे थे और मैं जिस प्रकार से अपनी चूतडो को ऊपर नीचे कर रही थी उससे मुझे बहुत ज्यादा मजा आता। मेरे अंदर की गर्मी इतनी अधिक हो चुकी थी कि मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी और मैंने राजेश को कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है। राजेश ने मेरे स्तनो को चूसना शुरू कर दिया था।

मैंने अपनी चूतडो को ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया जिससे कि मेरी चूत से जो गर्मी बाहर निकल रही थी उसे राजेश का लंड झेल ना सका और राजेश का माल मेरी चूत के अंदर ही गिर गया।

राजेश का माल मेरी योनि में गिरते ही मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आया और राजेश को भी बहुत ज्यादा अच्छा लगा जब राजेश ने मेरी चूत के अंदर अपने माल को गिरा दिया था। हम दोनों ही काफी ज्यादा खुश थे। मैंने अपने पति की कमी को भी पूरा कर लिया था क्योंकि वह तो अपने काम के सिलसिले में बाहर गए हुए थे।

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