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Sasur bahu ki chudaiBur ChudaiHindi Sex Story

वाटर पार्क में ससुर और बहू के बीच टपा टप – Sasur Bahu ki Chudai

Sasur Bahu ki Chudai ; हमारा छोटा सा परिवार है,जिसमे मैं, मेरा बेटा और उसकी पत्नी, हम साथ साथ रहते हैं। मेरा बेटा एक बड़ी कंपनी में काम करता है, और उसकी पत्नी सुष्मिता बहुत ही होशियार और पढ़ी-लिखी खूबसूरत लड़की है

उसका स्वभाव बहुत अच्छा है और सबसे हमेशा ख़ुशी से खुल कर बात करती है।वो जब भी घर से बाहर जाती है तो तैयार होकर मेरे पास आकर मुझसे पूछती है- पापा, मैं कैसी लग रही हूँ?और हमेशा मैं उसे कहता हूँ- बहुत खूबसूरत !

वो हंसते हुए चली जाती है। एक दिन की बात है कि मैं अपनी अलमारी में अपने कपड़े रख रहा था कि देखा उनमें एक ब्रा भी थी।मैं समझ गया कि मेरे कपड़ों में मेरी बहूसुष्मिता की ब्रा आ गई है।

मैंने दो दिन तक विचार किया कि सुष्मिता को उसकी ब्रा कैसे वापस दूँ। फिर एक दिन घर पर कोई नहीं था तो मैं उसके कमरे गया ही था ब्रा रखने कि वो आ गई।मुझे अपने कमरे में देख कर उसने पूछा,कुछ काम है पापा?

मैंने हिचकिचाते हुए कहा- तुम्हारा यह कपड़ा मेरे कपड़ों के साथ आ गया था।उसकी ब्रा उसके हाथ में देते हुए मैं बोला।तोसुष्मिता किसी भी तरह की शर्म न दिखाते हुए हंसते- हंसते बोली- शायद भूल से चला गया होगा।

फिर मैं वहाँ से चला आया, लेकिन तब से मेरे मन में सुष्मिता के प्रति गलत विचार आने लगे। कुछ दिनों बाद मैं एक काम से मद्रास गया, वहाँ एक शॉप में मैंने एक बहुत खूबसूरत सी ब्रा-पैंटी देखी।

चालबाज बहु ने ससुर का पानी निचोड़ डाला – Sasur Bahu ki Chudai Ki Kahani

वाटर पार्क में ससुर और बहू के बीच टपा टप - Sasur Bahu ki Chudai

मेरा मन किया कि ये मैंसुष्मिता के लिए ले लूँ। मैंने उस ब्रा-पैंटी को खरीद लिया।जब वापस घर आया तो मेरी हिम्मत ही नहीं हुई उसे देने की ! मैंने उन्हें अपनी अलमारी में रख दिया।

कुछ दिन बादसुष्मिता मेरी अलमारी में कपड़े ठीक कर रही थी तो उसे वो ब्रा-पैंटी दिख गई और उसने मुझे बुला कर पूछा- ये ब्रा-पैंटी किसके हैं? मेरे तो नहीं हैं।फिर मैंने उसको बता दिया- मैं ये तुम्हारे लिए लाया था !

तोसुष्मिता खुश होकर बोली, मेरे लिए? थैंक्यू वेरी मच ! बहुत ही अच्छी हैं।वो तो इतना कह कर ब्रा-पैंटी लेकर चली गई।दूसरे दिन वो तैयार होकर मेरे पास आई और बोली- मैं कैसी लग रही हूँ?

मैंने उसको देखा तो उसके ब्लाउज़ में से उसकी ब्रा की पट्टी दिख रही थी, मैंने कहा- बहुत खूबसूरत ! बस एक कमी है, तुम्हारी ब्रा की पट्टी दिख रही है। कहते हुए मैंने खुद ही पट्टी को छुपा दिया तो वो हंसने लगी।

फिर मैंने पूछा, कहाँ जा रही हो तुम?उसने कहा,अपनी बहन से मिलने जा रही हूँ !मैंने कहा,तुम्हें जल्दी न हो तो थोड़ी देर मेरे पास बैठो !

वो मान गई और मैं सोफे पर बैठ गया तो वो आकर मेरे गोद में बैठ गई और कहने लगी- पापा, जो ब्रा-पैंटी आपने दी थी, आज मैंने वो पहनी है।

यह सुनकर मेरे मन में अजीब सी तड़प उठी, उसके नाजुक कूल्हे मेरे जांघों पर थे और वो मेरे एकदम नजदीक थी, मेरा मन कर रहा कि अभी उसको बिस्तर पर लिटा लूँ। पर क्या करता वो मेरे बेटे की पत्नी थी।

फिर भी मैंने उसे कहा- कैसा लगा मेर तोहफ़ा?वो खुश होते हुए कहने लगी- बहुत अच्छा पापा ! और फिटिंग भी बहुत अच्छी आई है, दिखाऊँ आपको?

यह सुन कर मेरे मन में लड्डू फूटने लगे, मैंने सर हिलाते हुए हाँ कहा तो वो अपने ब्लाउज़ के हुक खोलने लगी। उसके बड़े बड़े स्तन ब्रा में से उछल रहे थे और मक्खन जैसी उसकी नाजुक चमड़ी देख कर मेरा चूमने का मन कर रहा था

लेकिन मैंने किसी तरह कंट्रोल किया और कहा- तुम हो ही इतनी सुन्दर ! तुम पर तो सब कुछ अच्छा ही लगेगा।अपना ब्लाउज़ खुला रख कर ही मुझसे बातें करने लगी, मुझसे कहने लगी- पापा मेरी इच्छा है

कुछ दिन आपके साथ अकेले गुजरना चाहती हूँ मैं। मुझे आपके साथ बहुत अच्छा लगता है।मैंने कहा, सच? फिर तो तुम्हें कहीं घुमाने ले जाना पड़ेगा ! कभी मौका मिलने पर !अंकिता बोली,पक्का ना पापा?

ले जाओगे न मुझे?मैं,हाँ जरूर ले जाऊँगा कभी।फिर वो अपनी बहन को मिलने चली गई। तब से मैं भी उस दिन की राह देखने लगा कि कब मेरा बेटा कहीं बाहर जाये और मैंसुष्मिता के साथ वक्त बिता सकूँ।

एक दिन सवेरे सवेरेसुष्मिता दौड़ती हुई आई और कहने लगी- पापा एक खुशखबरी ! विक्रम 5 दिनों के लिए बाहर जा रहे हैं, अब तो मुझे ले चलोगे ना?मैं भी खुश हो गया और उसे गले लगा लिया और कहा- हाँ जरूर जाएँगे, तुम तैयारी कर लो।

मैं और सुष्मिता हमारे फार्म-हाउस गए क्योंकि वहाँ कोई आता-जाता नहीं और मुझेसुष्मिता के साथ पूरा वक्त बिताने का मौका मिलता। मैं वहाँ अपने कमरे में जाकर नहाने चला गया और वो भी चली गई।

नहाने के बाद मैं टीवी देखने लगा थोड़ी देर बाद आवाज आई- पापा !मैंने पलट कर देखा तो मैं दंग रह गया,सुष्मिता एक काले रंग के नाईट सूट में मेरे सामने खड़ी थी, एकदम मखमली कपड़ों में उसके बदन से सभी कटाव स्पष्ट दिख रहे थे

उसके बड़े बड़े स्तनों के चुचूक साफ दिख रहे थे, उसकी नायटी की टी शर्ट में से उसका पेट खुला था, उसकी नाभि बहुत खूबसूरत लग रही थी। पजामे से उसके कूल्हों की दरार दिख रही थी

उसके पूरे बदन से स्तन और कूल्हे बाहर निकले हुए थे। यह दृश्य देख मेरा लंड खड़ा हो गया।मैंने कहा,अंकिता, आज तो तुम हुस्न का पहाड़ हो गई हो !मैंने ऐसी खूबसूरती पूरी जिंदगी में कभी नहीं देखी।

आओ, मेरे पास आओ।वो आकर मेरे पास बैठ गई तो मैंने कहा- क्यों, आज मेरी गोद में नहीं बैठोगी?तो वो हंसते हुए मेरी गोद में बैठ गई, मैं उसे सहलाने लगा और उसकी तारीफ़ करने लगा।

वो बहुत ही खुश थी और कहने लगी- पापा आप न होते तो मेरा क्या होता? आप मेरे दोस्त बन कर मुझे साथ न देते तो शायद में पूरी जिंदगी विक्रम के साथ न बिता पाती, चली जाती।

तो मैंने भी जवाब में कहा,मेरे होते हुए तुम्हे कोई चिंता की जरुरत नहीं।वो ऐसे ही बातें करती रही पर मेरा ध्यान तो उसके बदन में था, मैं यही सोच रहा था कि मैं ऐसा क्या करूँ जिससेसुष्मिता मेरे साथ चुदाई के लिए राजी हो जाये !

बीवी के चक्कर में बहु की गांड चुद गई – Sasur bahu ki chudai

वाटर पार्क में ससुर और बहू के बीच टपा टप - Sasur Bahu ki Chudai

फिर मैंने एक योजना बनाई औरसुष्मिता को कहा- तुम रसोई के फ्रिज में से शराब की बोतल लेकर आओ !तो वो लेकर आई और मैं शराब पीने लगा, फिर मैंने सुष्मिता को भी थोड़ी सी शराब पिलाई।

अब वो मस्त होने लगी थी, फिर मैंने कहा- चलो अंकिता, हम स्वीमिंग पूल में नहाने जाते हैं। तो वो भी मान गई और हम स्वीमिंग पूल में नहाने लगे, मैं सिर्फ अपनी निकर में था औरसुष्मिता अपने नाईट सूट में ही पानी में नहाने लगी।

पानी में भीगते उसका पूरा बदन दिखने लगा उसके बड़े से स्तन, उसके चूतड़ और उसकी चूत का आकार भी पूरा दिखने लगा। उसने अन्दर कुछ नहीं पहना था। नहाते हुए मैं उसके पूरे बदन को सहलाने लगा तो वो भी मजा लेने लगी।

मैंने धीरे धीरे उसके स्तनों पर हाथ फिराया और फिर उसके स्तनों को दबाने लगा, उसको भी मजा आ रहा था।फिर मैंने उसकी टी शर्ट में हाथ डाल दिया और उसके स्तन दबाने लगा |

फिर मैंने उसका टी शर्ट उतार दिया और उसके स्तनों को देखता ही रह गया, इतने खूबसूरत स्तन मैंने कभी न देखे थे एकदम कसे हुए गोल आधे कटे खरबूजे जैसे उसके स्तनों को देख में तो पागल हो गया।

मैं उसके स्तनों को मुँह में लेकर चूसने लगा और वो भी हल्की हल्की आवाजें निकालने लगी- आह आह… फिर मैं उसको उठा कर अपने बेडरूम में ले गया और उसे बिस्तर पर लिटा दिया|

वो कहने लगी- पापा, आओ न ! आज मेरी प्यास बुझाओ न !यह सुन कर मैं और भी उत्तेजित होकर उसके स्तनों को जोर से दबाने, चूसने लगा, काटने लगा। फिर मैंने उसका गीला पजामा निकाल दिया |

उसके दोनों पैरो को फैलाया तो मैं दंग रह गया। उसकी चूत क्या कमाल थी, चूत पर शायद बाल कभी उगे ही नहीं, इतनी कोमल, दूध जैसी सफ़ेद, चूत के होंठ बड़े से गुलाबी रंग के, और गीली होने के कारण चूत चमक रही थी।

मैं बिना कुछ करे उसकी चूत को पूरा अपने मुँह में लेकर चूसने लगा, चाटने लगा। वो भी मजा लेती हुई आवाजें निकालने लगी, मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबाने लगी और अपनी चूत को उचका कर मेरे मुँह में देने लगी।

फिर उसका पानी निकल गया और उसने मुझे झटके से पलट दिया और मेरे ऊपर चढ़ गई।मेरी निकर में से निकाल कर मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। थोड़ी देर चूसने बाद उसने वैसे ही बैठे हुए मेरा लंड अपनी चूत में डाल दिया |

जोर जोर से उछलने लगी। बहुत देर तक वो करने के बाद थक गई तो मैंने उसको लिटा दिया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और उसके दोनों पैर मेरे पैरों के बीच में लेकर दबा लिए और चोदने लगा।

उसकी चूत बाहर से जितनी खूबसूरत थी उससे कहीं ज्यादा अन्दर से थी। मैं उसको चोदते हुए उसके होंठों को और स्तनों को दबाते हुए चूम रहा था और वो भी सेक्स का आनंद ले रही थी |

पनी चूत को उछाल-उछाल कर मेरे लंड को अपने अन्दर ले रही थी।ऐसे ही चोदते हुए उसने कई बार अपना पानी निकाल दिया और काफ़ी देर चोदने के बाद मेरा भी पानी उसकी चूत में ही निकल गया।

हम थक कर चूर हो गए थे, कब नींद आई पता ही न चला। सुबह मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि हम नंगे ही एक दूसरे को लिपट कर सोए हुए थे।मैं उठ करसुष्मिता को देखने लगा और सोचने लगा कि |

मैं कितना खुश किस्मत हूँ कि मुझे सुष्मिता जैसी हसीं लड़की के साथ चुदाई का मौका मिला। और मैंसुष्मिता के बदन को सहलाने लगा तो उसकी भी नींद खुल गई, उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और मुझे चूमने लगी।

मैं भी उसके स्तनों को चूसने लगा तो उसका चुदाई का मन हो गया और उसने मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत में डलवा लिया और मैं उसको चोदने लगा। थोड़ी देर चोदने के बाद हम दोनों का पानी निकल गया और हम नहाने के लिए साथ गए |

हमने एक दूसरे को नहलाया। आज तो पहला दिन था, विक्रम तो 5 दिन बाद वापिस आने वाला था, तब तक हमें यहीं रह कर सेक्स का आनन्द लेना था। 5 दिनों तक मैंने औरसुष्मिता ने अलग अलग तरीकों से चोदने का मजा लिया और घर वापिस आ गए।

फिरसुष्मिता रोज सवेरे मेरे पास आकर मुझे चोदने को कहती और हम रोज मजा लेते।तीन साल हो गए ऐसे ही मैंसुष्मिता को चोदता रहा,सुष्मिता को मुझसे एक बेटा हुआ है जो अभी 6 महीने का है।

हम आज भी साथ सेक्स का मजा लेते हैं। सच मेंसुष्मिता ने मेरी पत्नी की कमी पूरी कर दी। मुझे चुदाई किए काफ़ी दिन हो गये थे.अब में चुदाई के लिए बहुत बैचेन था तो मैंने एक वॉटर पार्क है |

वहाँ पर कपल्स के लिए 2000 रुपए में पैकेज है, जिसमें वॉटर पार्क लंच और एक ए.सी रूम 24 घंटों के लिए मिलता है. तो मैंने वहाँ का पैकेज लिया और में वॉटर पार्क में नहीं गया और सीधासुष्मिता को लेकर रूम में चला गया|

फिर मैंने पहले रूम को चैक किया और फिरसुष्मिता को लेकर बेड पर चला गया. फिर मैंने उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए. अब एक तो में बहुत दिनों का प्यासा था और दूसरा उसके होंठ बहुत मुलायम थे|

बरसात में ससुर ने बहूरानी की गांड फाड़ी – Sasur Bahu Ki Chudai

वाटर पार्क में ससुर और बहू के बीच टपा टप - Sasur Bahu ki Chudai

अब में उन्हें पागलों की तरह चूस रहा था और अब वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. फिर मैंने धीरे-धीरे उसके कपड़े उतारने शुरू किए और पहले उसका सूट उतारा. अब उसके 36 इंच के बूब्स उसकी ब्रा को फाड़कर बाहर आने को बेताब थे|

तो में उन्हें पहले तो कुछ देर तक बाहर से ही मसलता रहा और उसके होंठो को चूसता रहा. फिर मैंने उसकी ब्रा खोली और उसके बूब्स को मसलने लगा| अब उसके बूब्स मेरे एक हाथ में नहीं आ रहे थे

तो अब में अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स को मसल रहा था. फिर मैंने उसके बूब्स को पीना शुरू किया और उसके बूब्स इतने रसीले थे कि क्या बताऊँ?

अब मेरा उन्हें छोड़ने का मन ही नहीं कर रहा था और अब में उन्हें पागलों की तरह चूसे जा रहा था.फिर मैंने उसकी सलवार खोली और अब उसकी पेंटी एकदम गीली हो चुकी थी. फिर मैंने उसकी पेंटी उतारी और पहले उसकी जांघो को चाटना शुरू किया |

अब में उसकी एक जांघ को चाट रहा था और दूसरी जांघ को मसल रहा था. अब वो एकदम तड़प रही थी और अपने मुँह से सिसकियाँ और आवाज़ निकाल रही थी.फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया |

तो वो एकदम पागल सी हो गई और अब उसके सारे बाल खुल गये थे. मैंने एक बार अपना मुँह ऊपर उठाने की कोशिश की, तो उसने मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबा दिया |

अब वो उम्म्म्मममम, आहह, उईईईईई, माआआआआ की आवाज़े निकाल रही थी.अब उसकी चूत दो बार अपना पानी छोड़ चुकी थी और अब वो थक चुकी थी और मेरे आगे गिड़गिड़ाने कि लगी प्लीज कुछ देर के लिए रुक जाओ. फिर में उठा और अपने कपड़े उतारने लगा |

तो उसने भी मेरे कपड़े उतारने में मेरी मदद की और उसकी चूत बड़ी थी.फिर उसने मेरी गर्दन, मेरे होंठ, मेरी छाती सब चाटी. फिर मैंने अपना लंड उसके मुँह में दे दिया और अपनी कमर हिलाने लगा |

अब में काफी गर्म हो गया था, इसलिए मेरा माल सिर्फ़ 5 मिनट में ही निकल गया. हम दोनों अटैच बाथरूम में गये और अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे.फिर मैंने नीचे से उसके ऊपर साबुन लगाना शुरू किया |

उसके पैरों, उसके घुटनों, जांघो और उसकी चूत पर साबुन लगाया और अपनी 2 उंगलियों से काफ़ी देर तक उसकी चूत मसलता रहा. अब मेरा लंड खड़ा हो गया था तो मैंने शॉवर बंद किया और उसे दीवार के सहारे खड़ा कर दिया |

फिर उसने अपने हाथ दीवार पर रखे और एक अपनी टांग उठा दी. अब मुझे उसकी चूत का मुँह साफ-साफ़ नज़र आ रहा था. फिर मैंने पीछे से अपना लंड उसकी चूत पर लगाया और कसकर एक धक्का मारा |

क्योंकि उसकी चूत और मेरे लंड दोनों पर ही साबुन लगा हुआ था, इसलिए मेरा लंड सीधा अंदर घुसता चला गया.और उसके मुँह से चीख निकल गई आअहह में मर गई, बाहर निकालो इसे, लेकिन अब में कहाँ मानने वाला था?

तो में पीछे से उसके बूब्स मसलने लगा. अब साबुन लगे होने से उसके बूब्स को मसलने में अलग ही मज़ा आ रहा था और में धक्के मारता रहा और वो भी थोड़ी देर के बाद मेरा साथ देने लगी |

फिर मैंने उसकी चूत खूब तस्सली से मारी और फिर हम दोनों रूम में बेड पर आ गये. फिर पहले तो मैंने थोड़ी देर तक उसके गुलाबी निप्पल को चूसा और उसके बाद उसे नीचे लेटाया |

उसकी दोनों टाँगे खोली और उसकी चूत में अपना लंड डालकर उसके ऊपर कूदता रहा फिर में उसे लगातार आधे घंटे तक ऐसे ही चोदता रहा और फिर में झड़ गया और फिर मैंने सारा माल उसकी चूत के अंदर ही डाल दिया |

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