झोपड़ी में चुदासी मामी की चुत का भोसड़ा बनाया -Mami ki Chudai Kahani
Mami ki Chudai Kahani :नमस्कार मित्रो, ये मेरी पहली सेक्स कहानी है सेक्सी मामी की!तो कुछ भूल हो सकती है| कृपया नजरअंदाज कर सेक्स कहानी का मजा लें|जिंदगी हर एक मोड़ पर तकदीर बदलती रहती है|
वैसा ही मेरे साथ भी एक हादसा हुआ|ये तब की बात है, जब मैं 21 साल का था, 11 में था| स्कूल में दीवाली की छुट्टियां चालू हो गई थीं|चूंकि मैं नजदीक के एक गांव का था और इधर हॉस्टल में रहता था|
इस बार छुट्टियों में सभी छात्र अपने अपने घर चले गए थे तो मैं भी चला गया|पर इस बार मैं घर न जाकर अपने मामा के गांव चला गया था|मेरे मामा का परिवार भी ज्यादा बड़ा नहीं है और घर भी ज्यादा बड़ा नहीं है|
घर में नाना-नानी, मामा-मामी और उनके दो बच्चे रवि और सुनीता रहते थे|उनके साथ ही मामा के एक दूर के रिश्तेदार का बेटा भी रहता था|उसका नाम कुंदन था|कुंदन मेरा खास दोस्त है|
मेरी प्यारी मामी की चुदास- मामी की चुदाई
वो मेरी ही उम्र का है| उसकी और मेरी बहुत अच्छी जमती है|मैं मामा के घर गया तो सभी से मिलने के बाद मैं कुंदन के साथ बैठ गया और बातें करने लगा|हम दोनों देर रात तक बात करते रहे और कब रात के दो बज गए, कुछ पता ही नहीं चला|
बातों ही बातों में मैंने उससे पूछा- भाई तू जिंदगी से बोर नहीं होता क्या? साला सुबह जल्दी उठो, सब काम करो उसी में से टाइम मिल गया तो लंड हिलाओ और सो जाओ| कभी चुत चोदने का मन नहीं करता क्या!
कुंदन बोला- भाई मुझे उसकी कोई चिंता नहीं है| मैं महीने में एक बार चुत चोदने जरूर जाता हूं और माल निकलवा कर अपनी नल्ली साफ करवा आता हूं|मैं बोला- साले बहनचोद, तू ये सब अब बता रहा है मुझे?
मेरा लंड रोज अकड़ कर दर्द करता है| मुझे तो कोई चुत मिलती ही नहीं है|
कुंदन बोला- कोई बात नहीं, मैं तुझे कल लेकर चलता हूं|इसी तरह की चुदरपने की बातें करते हुए हम दोनों सो गए|
मैंने सुबह गाली देते हुए कुंदन को याद उठाया- उठ जा भैन के लौड़े, लंड के बाल, तूने रात को कुछ वादा किया था … याद है ना?कुंदन आंखें मींड़ते हुए उठा और बोला- हां मेरे बाप, याद है|
तू पहले तैयार होकर अपने मोबाइल के पास बैठ, मैं अभी जाता हूँ और वहां पहुंच कर तुझे कॉल करता हूं|कोई एक घंटे बाद कुंदन का फोन आया- हैलो विनोद मैं कुंदन बोल रहा हूं|
भाई आज नहीं हो पाएगा … सुबह से पुलिस वहीं घूम रही है|मैंने कहा- अबे यार कुछ तो कर|कुंदन बोला- यार, मैंने एक लड़के से बात की है वो मादरचोद मना कर रहा है| चलो मैं फिर से बात करता हूँ|
लगता है कि तू आज बिना लंड लगाए मानेगा ही नहीं|कुछ देर बाद कुंदन का फिर से फोन आया और उसने बताया कि उस लड़के ने कहा है कि आज एक भी लड़की नहीं है| हां एक चुदी पिटी भाभी मिल सकती है, पर वो भी कल मिलेगी … आज नहीं|
मैं बोला- चलेगा, लंड के लिए चुत का छेद चाहिए, तू उस भाभी को कल के लिए फिक्स कर दे|कुछ देर बाद कुंदन मुझसे बोला- वो भाभी सैट हो गई| उसने तुझे कल शाम पांच बजे बुलाया है|
मैंने हंस दिया और लंड सहला कर लौड़े को समझा लिया|दूसरे दिन हम दोनों समय के पहले ही तयशुदा जगह पर पहुंच गए|थोड़ी देर के बाद वहां वही लड़का आया, जिसने कुंदन से भाभी की चुत दिलाने की बात की थी|
वो बोला- वो आइटम भाभी नदी के उस पार एक झोपड़ी में मिलेगी|कुंदन ने ओके कहा|फिर उसने पूछा- तुम दोनों में से कौन जाने वाला है? वो सिर्फ एक को ही ऊपर लेगी|
कुंदन बोला- मेरा भाई जाएगा और साली की चुत में कोहराम मचाएगा|वो लड़का हंस दिया|फिर शाम के छह बजने वाले थे और मैं नदी के पुल के ऊपर से नदी पार कर रहा था| मेरी धड़कनें तेज़ होने लगी थीं|
मैं झोपड़ी के पास पहुंचा और झोपड़ी का दरवाज़ा खोला तो देखा एक कोने में दो लालटेन जल रही थीं|झोपड़ी अच्छे से सजाई हुई थी|एक औरत खिड़की के पास बैठी हुई थी और बाहर देख रही थी|
उस लालटेन के प्रकाश में उसका आधा खुला बदन मस्त उठा हुआ दिख रहा था| बाहर से आती हुई रोशनी उसके बदन को छूती हुई झोपड़ी के अन्दर उसकी एक अनोखी परछाई बना रही थी|
जैसे ही मैं अन्दर गया, वो पीछे की तरफ मुड़ी और उसी समय मुझे वो सीन दिखा, जिसकी मुझे आशा भी न थी|मेरे मुँह से एक शब्द निकला- मामी आप!सही पढ़ा आपने, वो मेरी मामी थीं|
वो मामी जो मेरे मामा को रात को जो सुख देती थीं, वो मामी मेरे सामने खड़ी थीं|वही सुख का आनन्द देने के लिए मामी उपस्थित थीं|मैं यकीन नहीं कर पा रहा था|मैंने मामी से पूछा- ऐसा क्या हो गया था
कि आप ये सब करने के लिए तैयार हो गईं?मामी- तेरे मामा मेरे साथ करते ही कितना है जो मेरी प्यास बुझ सके| उनकी चुदाई से किसी दिन भी मेरी भूख शांत नहीं हो पाती है| अपनी भूख मिटाने के लिए ही ये मैं करती हूँ|
ये कहते हुए मामी रोने लगीं और खिड़की के पास बैठ गईं|मैं मामी के पास गया और उनके सर के ऊपर हाथ रख दिया|मामी झट से मुझे लिपट कर रोने लगीं|ये वो वक़्त था |
जब मैं मामी को अपना कंधे का सहारा और अपने कंधों के ऊपर उनकी टांगें रख कर उन्हें दिल खोल कर चोदूँ|मैंने मामी से कहा- सब ठीक हो जाएगा| आपको मैं पूरा सहारा दूंगा|
मामी अभी भी रो रही थीं और अभी भी मुझे लिपटी हुई थीं| मामी का बदन कांप रहा था जबकि मैं महसूस कर रहा था कि मैं किसी गद्दे से लिपटा हुआ हूँ|मेरा एक हाथ उनकी नंगी कमर पर था और दूसरा हाथ उनके सर पर था|
मैंने खुद को संभालते हुए पूछा- मामी चलो हम घर चलते हैं|मामी ने एक पल के लिए मेरी ओर देखा और बोलीं- जो हम करने आए हैं, पहले वो कर लेते हैं|मैंने कहा- घर पर कर लेंगे|
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मामी बोलीं- वो सब बाद में, मगर अभी मुझे तुम चाहिए|ऐसा कह कर मामी ने मेरे होंठों को अपने होंठों में लेकर जोर जोर से चूमना शुरू कर दिया|मैं मामी के जिस्म से रगड़ खाकर वैसे ही गर्मा गया था|
उनके चुम्बनों से मेरे अन्दर की आग और ज्यादा भड़क गई|मैं भी मामी के साथ चूमाचाटी में लग गया|मामी ने किस करते करते मुझे खटिया पर लेटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गईं
मेरे साथ किस करते हुए मामी की साड़ी उतर चुकी थी| उसी समय अचानक से मौसम ने करवट ले ली और बारिश शुरू हो गई|मैं सोचने लगा कि आज सब कुछ अलग ही हो रहा था|
पहले मामी ने झटका दिया और अब इंद्रदेव ने बारिश करवा कर मजा बढ़ाने लगे|जल्दी ही हम दोनों एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे थे|अपनी वासना की आग में इतने अधिक झुलस चुके थे
कि बारिश की आवाज भी नहीं सुनाई दे रही थी|वो तो खिड़की में से बारिश की बूंदें अन्दर आ रही थीं, तो बारिश होने का अंदाज हुआ|बारिश की बूंदें हम दोनों के नंगे जिस्मों को छू रही थीं और हमारा मजा दुगना कर रही थीं|
हम दोनों बिना कपड़ों के एक दूसरे के ऊपर हावी होने की कोशिश कर रहे थे|मैं अपनी मामी को उस लालटेन के प्रकाश में देख रहा था|उनके बदन पर एक भी दाग नहीं था| उनका चमचमाता हुआ बदन मुझे आवेश में ला रहा था|
मामी के चूचे 38 इंच के रहे होंगे|मैंने उनके मम्मे दबाकर चूसना चालू किया ही था कि मामी भी चालू हो गईं|वो मेरा मोटा लंड हाथ में लेकर सहला रही थीं|कुछ पल बाद उन्होंने मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसना चालू कर दिया|
वो मेरा लंड चूसती हुई कहने लगीं- विनोद तेरा लंड तो अच्छा खासा लंबा और तगड़ा है … आज तेरे साथ चुदने में मजा आ जाएगा|उन्होंने मेरे खड़े लौड़े को गले तक लेकर चूसना चालू कर दिया था, मुझे अप्रतिम आनन्द आ रहा था|
कुछ देर बाद जैसे ही मैंने मामी की चूत की तरफ़ बढ़ना चालू किया, वैसे ही मामी ने अपने दोनों पैर फैलाना चालू कर दिए|मामी की अन्तर्वासना भी जागने लगी थी|मैं खुद भी उनकी वासना को और अधिक जगा रहा था|
मैं मामी की चूत चाटे जा रहा था|कुछ ही देर में वो पगला गई थीं|मामी के बदन में जो आग लगी थी, वो उनकी चूत से बाहर आना चाहती थी|मामी खुद से बोलीं- आंह … अब मुझे और मत तड़पाओ … तुम अपना औजार मेरी चुत के अन्दर डाल दे और मुझे चोदकर तृप्त कर दो|
मेरा लंड पहले से ही तैयार था|मामी के पैर मैंने फैला दिए और झट से अपना लंड मामी की पनियाई हुई चूत के अन्दर पेल दिया|मैंने एक तेज झटके में लंड पेला था, तो मामी चिल्ला उठीं- आंह मर गई … धीरे चोद भोसड़ी के!
मगर मैं कहां माने वाला था … मैंने दूसरा झटका मारा और इस बार मेरा लगभग पूरा लंड मामी ने अपनी चूत में ले लिया था|कुछ पल बाद मैंने धीरे धीरे झटके लगाने चालू कर दिए|मामी चुदाई से उत्तेजित होने लगीं|
मैं उसने दूध पीते हुए चुत चोदने लगा|मामी की सांसें फूलने लगीं|मैं उनकी गर्म चूत के मजे में ले रहा था|हम दोनों ने अपनी पोजीशन बदली|अब मैंने मामी को अपनी गोदी में ले लिया था और उनकी गांड उठा कर लंड चुत में पेल रहा था|
मामी ने मुझे अपनी बांहों में खींचा और मेरे चुत चुदवाती हुई मेरे कान की लौ काटने लगीं|मैं और उत्तेजित होने लगा और मैंने अपने झटके और तेज़ कर दिए|मेरे झटके इतने तेज़ थे
कि मामी बड़ी जोर से चिल्ला उठीं- आह मर गई साले … मेरी बच्चेदानी में ठोकर लग रही है … आह धीरे चोद मां के लौड़े|मैंने भी गाली देनी शुरू कर दीं- साली बाजारू रंडी … इतने लंड खा चुकी है
तू … फिर भी भैन की लौड़ी कुतिया सी चिल्ला रही है|मामी- आह मादरचोद मैं रंडी जरूर हूँ मगर अब तक इतना बड़ा लंड मेरी चुत में गया ही नहीं है| आह मेरी जान आज मैं मजे लेकर भी चुद रही हूँ
इसलिए मेरी चुत की आग भड़क गई है|मैं उनकी चूची दबाते हुए होंठों को चूसने लगा| हम दोनों की जीभें एक दूसरे को खा जाना चाहती थीं|इस वक्त मैं काफी तेज़ी से मामी की चुदाई कर रहा था|
मैं भूल ही गया कि मैंने कंडोम नहीं पहना है|मैं अभी झड़ने ही वाला था और मैंने ‘आह मामी लो मेरा रस खा लो …’ कहकर मैंने पूरा वीर्य चूत में डाल दिया और मामी को गिरा कर उनके ऊपर लेट गया|
गर्मी की छुट्टी में मामी की चुदाई (Hindi Sex Story)
इस वक़्त मेरी और मामी की सांसें एक साथ चल रही थीं|हमारी चुदाई का कार्यक्रम काफी लम्बा चला|मामी को मैंने दो बार चोदा था|चुदाई के बाद मामी ने अपनी साड़ी पहनना चालू कर दिया |
मैं मामी के पास जाकर उनको फिर से किस करने लगा|रात के आठ बजने वाले थे|मामी बोलीं,तुम्हारे साथ कुंदन भी आया है क्या? मैं बोला, हां, वो नदी के उस पार खड़ा होगा|
मामी डर कर बोलीं- उसे इस बारे में कुछ भी पता नहीं चलना चाहिए|मैं बोला, आप उसकी चिंता मत करो|हम दोनों तैयार होकर निकलने लगे|उधर दोनों लालटेनें भी धीरे धीरे बुझने लगी थीं|
हम दोनों वहां से अलग अलग निकले|रंडी मामी ने दूसरे रास्ते से नदी पार की और मैं उसी रास्ते से नदी पार करके कुंदन के पास चला गया|मेरे आते ही कुंदन ने पूछा- माल कैसा लगा?मैंने मुस्कुरा कर कहा- मस्त था|दोस्तो, मेरी ये सेक्सी मामी की रंडी बनने की कहानी एकदम सच है|