Antarvasna Story

हिंदी की सेक्स कहानियाँ पढ़े और लुप्त उठाएं

Bhabhi Sex StoryHindi Sex Story

सर्दी तो बहाना था भाभी को देवर से चुदवाना था – Devar Bhabhi ki Chudai

Devar Bhabhi ki Chudai ;सभी लंड वाले मर्दों के मोटे लंड पर किस करते हुए और सभी खूबसूरत जवान चूत वाली रानियों की चूत को चाटते हुए सभी का मैं स्वागत करती हूँ। इसे पढकर आप लोगो को मजा जरुर आएगा, ये गांरटी से कहूंगी।

मेरा नाम सिमा है। मैं भोपाल की रहने वाली हूँ। मेरी शादी हो चुकी है और अब अपने देवर के साथ रहती हूँ। मेरी उम्र 26 साल है,जवान और सेक्सी औरत हूँ। रात में चुदवाकर ही मुझे नींद आती है।

मेरे पति तरुण काफी सेक्सी मर्द है और 9” लम्बे लंड के स्वामी है। उनमे इतना जोश है की मुझे रात में 6 से 7 बार चोदते है। मुझे तो रात में सोने ही नही देते है। दोस्तों मैं अपनी लाइफ से पूरी तरह से संतुस्ट थी।

मेरे हसबैंड पिछले साल तक एक प्राइवेट कम्पनी में काम करते थे, फिर उन्होंने काम बदल दिया और अब वो नये नये शहरों में जाकर प्रदर्शिनी और नुमाइश में जड़ी बूटी वाली तरह तरह की दवा बेचने का काम करने लगे।

सेक्सी भाभी की प्यास ट्रेन की टॉयलेट में बुझाई – Sexy Bhabhi ki Chudai

सर्दी  तो बहाना था भाभी को देवर से चुदवाना था - Devar Bhabhi ki Chudai

इस काम में वो अच्छा पैसा कमा लेते थे। और अब 50 से 60 हजार रुपया आराम से हर महीना कमा लेते थे। पर अब वो हमेशा बाहर ही रहते थे। अब उनको हर महीना बाहर के टूर पर जाना होता था।

इसलिए मैं अब प्यासी रह जाती है। अब मुझे कोई भी चोदने वाला नही था। मेरे साथ में मेरा देवर रहता था जो अब पूरी तरह से जवान हो चूका था। उसका नाम आकाश था। अब उसका बदन काफी खिल गया था और मस्त बोडी बन गयी थी उसकी।

दिसम्बर का महीना आया तो पति फिर से अपने टूर पर निकल गये। इस बार वो बिहार की राजधानी में पटना में गये हुए थे। वही पर कोई आदिवासी मेला लगा हुआ था जहाँ पर वो अपनी आयुर्वेदिक दवा बेच रहे थे।

इधर मेरी चूत में लंड खाने की बड़ी तेज तलब लगी हुई थी। दोस्तों बस यही मन कर रहा था की कोई मर्द जल्दी से चूत में लंड घुसाकर मुझे चोद दे। दूसरी तरफ बहनचोद सर्दी इतनी हो रही थी की मैं क्या बताऊं।

पूरे 10 दिन तक धूप नही निकली। और लगने लगा कि जयपुर में नही उत्तरी ध्रुव में रह रही हूँ। ठंड के मारे मेरी चूत तक सूख गयी और मुरझा गयी। उस दिन बेहद ठंडी हवाये चल रही थी।

मैं घर के दरवाजे पर गयी तो देखा की पास वाली कोई लेडीस नही थी। सर्दी से बचने के लिए सब की सब पडोस वाली औरते अपने अपने घरो में अपने अपने मर्दों से चुदवा रही थी और इसी तरह सर्दी का सामना कर रही थी।

दोस्तों कान में इतनी हवा चल रही थी की आपको क्या बताऊं। मैं दरवाजा बंदकर घर में चली गयी। अपने बेडरूम में गयी और बेड पर जाकर लेट गयी। फिर अपनी साड़ी को मैंने उपर उठा दिया और चूत में जल्दी जल्दी ऊँगली डालकर अंदर बाहर करने लगी।

10 मिनट चूत में जल्दी जल्दी ऊँगली की तब जाकर थोड़ी गर्माहट मिली। अब मन होने लगा की अपने देवर महेश को बुलाकर चुदवा लूँ। मैंने अपनी चूत से ऊँगली निकाली और खड़ी हो गयी।

फिर जाकर आकाश को देखने लगी। वो अपने कमरे में बैठकर पढ़ रहा था। मैं सीधा उसके पास गयी। आकाश ! तुमसे कुछ जरूरी काम आ गया है। 2 मिनट के लिए मेरे बेडरूम में चलो” मैंने उसके कंधे पर हाथ रखकर कहासर्दी की वजह से वो भी स्वेटर और गर्म लोअर पहने था।

ओके भाभी जी!!” वो बोला फिर उसने अपनी कापी किताब बंद कर दी। मेरे साथ कमरे में आ गया। उसे अन्दर लाते ही मैंने उससे छेड़खानी शुरू कर दी। मैं उससे चिपकने लगी और उसे सीने से लगाने लगी।

ये क्या कर रही हो भाभी??” आकाश कहने लगाआकाश !! तुम तो देख ही रहे हो की आज कितनी सर्दी है। आज मुझे कसके चोद दो। मेरी सर्दी को दूर कर दो तुम” मैंने कहाभाभी!! आप पागल तो नही हो गयी है???” आकाश ऐतराज करने लगा |

अच्छा बेटा!! उस दिन जब मैं नहा रही थी तो तुम बाथरूम की खिड़की से कैसे मुझे छुप छुपकर देख रहे थे। तब तो शर्म नही आई। अब आज मैं ही कह रही हो तो तुमको शर्म लग रही है” मैं बोली उसके बाद आकाश भी पट गया।

ठरकी देवर के साथ चूत चुदाई की मस्ती – Desi Bhabhi Sex Story

सर्दी  तो बहाना था भाभी को देवर से चुदवाना था - Devar Bhabhi ki Chudai

मैं उसकी देखने वाली बात उसके भैया से न बोलूं इस डर से पर वो राजी हो गया। फिर हम दोनों बेड पर बैठकर किस करने लगे। आकाश अंदर अंदर से मुझे कसके चोदना चाहता था पर बाहर से बड़ा शरीफ बनता था।

आज मेरी तेजी के सामने उसकी एक न चली। फिर वो ही मुझे हाथ लगाने लगा। मुझे किस करने लगा। धीरे धीरे मेरे चेहरे को पकड़कर ओंठो पर किस करने लगा। फिर उसने ही मुझे बिस्तर पर लिटा दिया।

आकाश मेरे उपर आ गया और मुझे प्यार करने लगा। उसने होले होले मेरी साड़ी उतार दी। अब मैं लाल रंग के पेटीकोट ब्लाउस में थी और काफी सेक्सी दिख रही थी। मेरा फिगर 32 28 34 का था।

आकाश भी अब गर्म होने लगा था। मेरे गालो पर चुम्मा पर चुम्मा दिये जा रहा था। फिर मेरे कान को किस करते करते चबाने लगा। मेरे दूध पर वो हाथ लगाकर मेरी चुदास को भड़का रहा था।

मेरे सुराही जैसे पतले गले पर आकाश किस करने लगा जिससे मुझे बहुत अच्छा लगा। आकाश!! मेरे देवर आज मेरी सर्दी को भगा दो। देखो कितनी ठंड है की मेरी एक एक हड्डी कांपी जा रही है |

मैं बोली भाभी जान!! आज आपनी कसी चूत में लंड घुसाकर चोदूंगा और आपकी सर्दी भगा दूंगा आकाश बोला उसके बाद मेरी रस से भीगी चूचियों पर वो हाथ लगाने लगा। मेरा सगा देवर आज मेरी नाजुक चूत में लंड घुसाकर चोदने वाला था।

वो मेरे बदन से मनचाहे तरीके से खेल रहा था। मैं भी ऐसा ही चाहती थी। आकाश एक एक करके अपने कपड़े उतारने लगा और मेरे उपर नग्न अवस्था में आकर लेट गया।

उसके हाथ अब फिर से मेरे स्तनों से खेलने लगे। मेरी 34” की बड़ी बड़ी चूचियां जवान और यौवन के मीठे रस से भीगी थी। मैं आकाश के सामने सिर्फ ब्लाउस और पेटीकोट में थी।

उसके सीने पर मेरे दिल की घड़कन हथौड़े की तरह बजने लगी। कलेजा इतनी जोर से धड़क रहा था कि उछलकर बाहर आ जाएगा। मेरे चिकने गालों पर उसकी गर्म साँसें जल रही थीं।

फिर आकाश एक एक करके मेरे ब्लाउस की बटन खोलने लगा। उसने पूरा ब्लाउस मेरे कन्धो से खींचकर उतार दिया। अब मेरे दूधिया बदन उसके सामने थे। आकाश फिर से मुझे सब जगह प्यार करने लगा।

मेरी 32” की बड़ी बड़ी चूचियां सफ़ेद ब्रा में बड़े हिफाजत से कैद थी। आकाश के हाथ ब्रा के उपर से मेरी चूचियों को सहलाये जा रहा था। मैं मजा लेकर “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….”” करने लगी।

फिर वो मुझे प्यार करता चला गया। मुझे करवट दिलाकर मेरी ब्रा का हुक खोलने लगा। मैं पूरे शबाब में आ गयी थी। आखिर मेरे देवर ने मेरी ब्रा खोल दी। मेरी मखमली पीठ पर उसके हाथ का स्पर्श बड़ा रुखा लेकिन ताकतवर था।

हर बार तो मेरे हसबैंड ही मुझे चोदते थे पर आज पहली बार अपने देवर से चुदाने जा रही थी।। मैं कुछ नही बोली। मेरी पीठ पर हथेली लगा लगाकर सहला रहा था और ओंठो से कितनी बार उसने प्यार भरा चुम्बन दिया।

फिर मुझे सीधा लिटा दिया। फिर से आकाश ने चुम्मा चाटी शुरू कर दी और खूब प्यार किया। मेरे हाथ उसने पकड़कर उपर कर दिए। मैंने अपने बगलों (कांख) को अच्छे से साफ किया हुआ था।

हुस्न की परी निशा भाभी की चुदाई – Bhabhi ki chudai

सर्दी  तो बहाना था भाभी को देवर से चुदवाना था - Devar Bhabhi ki Chudai

एक भी बाल मेरी बगल पर नही था। फिर एकाएक आकाश चुदासा हो गया और जीभ लगा लगाकर मेरी बगलों को चाटने लगा। मुझे गुदगुदी हो रही थी और नशा भी हो रहा था। मुझे नहीं मालूम था कि बगलों का चूमना इतना मादक हो सकता है।

इसी समय मेरी चूत अपना रस छोड़ने लगी। आकाश तो जैसे बेकाबू हो गया था। उसकी हरकते बता रही थी की आज वो मुझे कई तरह से चोदेगा। 5 7 मिनट मेरा देवर जीभ लगाकर मेरी बगलों को चाटता रहा।

फिर मादक तरीके से मेरे दूध मुंह में लेकर दबाने लगा। इस तरह से करने से मुझे बड़ी राहत मिल रही थी। बाहर बहुत सर्दी थी इसलिए आकाश की सारी शरारते मुझे बहुत भा रही थी।

मेरी चूची उसके मुंह में घुसी हुई थी। वो बस चूसे जा रहा था। रुकना तो जैसे उसको आता ही नही था। मैं “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…अह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” बोलकर सिसकियाँ लेने लगी।

लाल पेटीकोट के भीतर मेरी पेंटी चूत के रस से गीली हो गयी थी। अह्हह्हह…आकाश!! मेरे देवर!! चूसो और चूसो मेरे स्तनों को!! आज मुझे अपनी बीबी समझकर चोदो तुम” मैं कहने लगी

आकाश चूसते चूसते सिर हिला दिया। फिर हाथो से दूसरी वाली चूची को दबाने लगा। फिर उसने दूसरी चूची भी मुंह में ले ली और ऐसे चूसा जैसे मेरे हसबैंड पीते थे। मेरे अंदर काम की ज्वाला धधक गयी।

मैंने दोनों हाथो से आकाश को पकड़ लिया और उसे अपने सीने में स्तनों के उपर दबाने लगी। ऐसा करने से उसे बड़ा अच्छा लगा। मेरे दूध की निपल्स को आकाश से उँगलियों से बड़ी देर तक मसला और मेरी चींखे निकलवा दी।

फिर बड़े ही कामुक अंदाज से मेरी लाल पेटीकोट की डोरी खोल दी और उतार दिया। आकाश मेरी गीली रस से सनी पेंटी को देखने लगा। मैं झेंप गयी। सोचने लगी की क्या सोचेगा की उसकी भाभी कितनी बड़ी चुदक्कड औरत है।

पराये मर्द ने दूध क्या पीया, चूत में ही झड़ गयी। पैर खोलिए भाभी!!” आकाश बोला मैंने ऐसा ही किया। फिर इकदम से वो मेरी चूत को पेंटी के उपर से चाटने लगा। मेरी भरी हुई योनी की दरारे उपर से दिख रही थी।

आकाश जल्दी जल्दी जीभ लगाने लगा। मेरे बदन में सिर से पाँव तक बिजलियाँ कौंधने लगी। जिस्म तपने लगा। मैं काम की अग्नि में जल रही थी। चुदने को प्यासी हो गयी थी।

इसी बीच आकाश ने जल्दी से मेरी पेंटी पर अधिकार कर लिया और जल्दी से उतार दी। मैं शर्म से पानी पानी होने लगी। जिस मेरे खूबसूरत भोसड़े को आजतक मेरे पति से देखा था वो आज मेरा देवर आकाश देख रहा था।

मेरे बाल सफा चिकने और खूबसूरत भोसड़े का दीदार आज आकाश कर रहा था।कितना खूबसूरत था मेरा चूत का बगीचा। वो टुक टुक करके देखे जा रहा था। मेरी चूत का बड़ा सा दाना, चूत के खुले पट(ओंठ) उसका स्वागत तहे दिल से कर रही थी।

मेरा दिल अब तेज तेज धडक रहा था। फिर उसने वही किया जिसका बड़ा इंतजार था। मेरी गुलाबी चिकनी बुर को देखता रहा….देखता रहा, फिर उस पर कूद पड़ा। जीभ लगा लगाकर ऐसे चाटने लगा |

जैसे कोई चाशनी से भरी गुझिया खाने को मिल गयी हो। मैं अंगराई लेकर “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..”” करने लगी। देवर तो जीभ लगा लगाकर चाटने लगा |

मुझे अपनी गांड उठाने पर मजबूर कर दिया। इसी कमोत्त्जेना में मैंने उसके सिर को पकड़कर चूत में दबा दिया। बहुत आनन्द मिला मुझे। भाभी!! आज आपकी चूत की चटनी को पी लूँगा” वो बोला

पी लो आकाश!! मैं तो कबसे इस पल का इंतजार कर रही हूँ” मैंने कहा उसके बाद वो जीभ लगा लगाकर मेरी चूत की चटनी को चाटने लगा। मेरा रोम रोम पुलकित हो रहा था।

मेरे जिस्म के सबसे सम्वेदनशील हिस्से पर वो ऐसे चाट रहा था की मुझे सर्दी में गर्मी महसूस होने लगी। देवर ने तो दिसम्बर के मौसम में जून वाला मजा दे दिया। मुझे पूरे बदन में बिजली का करेंट सा लगने लगा।

जैसे हजारो चींटे मुझे एक साथ काट रहे हो। मैं भी अपने दोनों पैरो को अच्छे से खोलकर चूत की शराब पिला रही थी। आकाश ने कोई 15 मिनट तक मेरी चुद्दी चाट चाटकर लाल कर दी।

फिर मेरे उपर लेटकर चूत में लंड घुसाकर जल्दी जल्दी चोदने लगा। आकाश का लौड़ा 8” का था और 3” मोटा था। जल्दी जल्दी वो मुझे पेलने लगा। गपागप चोद रहा था।

हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….यस यस महेश !! फक मी सुपर हार्ड.. सी सी… हा हा.. ओ हो हो….” मैं कहने लगी,अब वो और जोश में आ गया और इतनी तेज तेज चूत में लंड सप्लाई करने लगा की पूरा पलंग चर्र चर्र करने लगा।

मेरी चूत का तो हलुवा बना रहा था। आकाश का लंड बड़े अच्छे ने मेरी बुर का भंजन कर रहा था। वो मेरे दोनों हाथो को पकड़कर पका पक मुझे पेल रहा था। मैं भी पूरी तरह से उसकी गिरफ्त में आ गयी थी।

मेरी 32” की सुडौल और तनी चूचियां पुरे गर्व से किसी गेंद की तरह उछल रही थी। आकाश मेरी फुद्दी की तरफ देख देखकर चोद रहा था। “ले रंडी!! आज तेरी चूत को इतना फाडूगा की तुजे आज के बाद कभी सर्दी नही लगेगी।

जब भी ठंड लगे मेरे पास लंड खाने आ जाना भाभी जान!!” आकाश बोला और उसने मेरे बाए गाल पर एक हल्का सा किस कर दिया। फिर से चूत में घपाघप लंड दौड़ाने लगा।

कितनी अजीब बात थी अपने ही कमरे में अपने ही बिस्तर पर गैर मर्द से चुद रही थी। तरह तरह की उलटी सीधी बाते मेरे दिमाग में दौड़ रही थी। आकाश मेरे बदन को किसी मुर्गी की तरह नोच रहा था।

शायद मैं भी ऐसा ही चाहती थी। उसके सामने पूरी तरह से निर्वस्त्र होकर पड़ी हुई थी। वो मेरी चूत के दाने को ऊँगली से घिस घिसकर लंड डालकर चोद रहा था। मैं सिर्फ “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ

पड़ोसन कोमल की दर्दनाक चुदाई – Antarvasna

सर्दी  तो बहाना था भाभी को देवर से चुदवाना था - Devar Bhabhi ki Chudai

हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” की सेक्सी आवाजे निकाल रही थी। मेरी एक एक हड्डी और एक एक पसली चटक रही थी। आकाश का बदन मुझसे भारी और विशाल था। वो मुझे किसी खिलौने की तरह खा रहा था।

कभी मेरी बायीं टांग उठाकर चोदता, तो कभी मेरी दाई टांग को अपने कंधे पर रखकर पेलता। अब तक वो मेरी बुर में 100 150 धक्के तो आराम से दे चूका था। फिर उसने अपना लंड निकाल लिया और किनारे ही लेट गया।

उसका लौड़ा बड़ा गुलाबी गुलाबी और तना हुआ दिख रहा था। ओह्ह भाभी!! तेरी चूत का जवाब नही!! कितनी चिकनी बुर है तेरी!! मेरा लंड तो दौड़ता ही चला गया उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… आकाश बोला मैं बैठ गयी और उसके लंड से खेलने लगी।

फिर हाथ से मुठ दे देकर मुंह में लेकर चूसने लगी। “अई…अई…अई…..मजा आ रहा है भाभी!! चूसो!! इसे तुम अच्छे से चूसो” मेरा देवर आकाश कहने लगा मैं भी मुंह में ले लेकर हाथ से मुठ दे देकर चूस रही थी।

इस लंड ने मुझे जन्नत की सैर करवाई थी। अब मेरा नम्बर था इसे मजा देने का। मैं लंड के साथ साथ आकाश की गोलियां भी अच्छे से चूस दी।फिर उसने मुझे कुतिया बनाकर मेरी गांड चोदी। दोस्तों मेरी सर्दी इसी तरह दूर हुई। जब जब ठंड लगती थी देवर को कमरे में ले जाकर लंड खा लेती थी।

और कहानियाँ पढ़ें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *