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सासु मां की चुदाई

सास की रसीली चूत दामाद ने चोदी -Saas Ki Chudai

मेरा घर अहमदाबाद में पड़ता है। मेरे पति आज से १० साल पहले ही गुजर गये थे और मुझे चोद चोदकर ३ लड़कियाँ पैदा कर गये थे। मैंने अपनी बेटियों के नाम – अंकिता, सोनी और सिवानी  रखा।

मेरे पति के गुजरने के बाद मैं आये दिन लंड खाने के लिए तड़पने लगी पर मेरी किस्मत ही जैसी फूटी थी।बीच में मैंने अपने जेठ से चक्कर चला लिया था। वही रात में आकर मेरी चुद्दी [चूत] मारा करता था और मुझे मजा दिया करता था।पर जल्दी ही मेरी जेठानी को हमारे अफेयर के बारे में पता चल गया। और उसने मेरे जेठ की बहुत गांड मारी। उसने उनको हमेशा के लिए छोड़ देने की धमकी दे दी।

उसके बाद मेरे जेठ ने मेरी चूत मारना बंद कर दिया। फिर मैं खुद ही अपनी चूत में ऊँगली डालकर मुठ मार लेती थी। कुछ दिनों बाद मेरी बड़ी लड़की अंकिता जवान हो गयी थी। उसकी लम्बाई तो 5 फुट के उपर हो गयी थी।

उसकी चूचियां भी 36” से बड़ी बड़ी हो गयी थी।मेरे मोहल्ले के आवारा लडके मेरी लड़की की रसीली चूत मारना चाहते थे और उसे कसके चोदना पेलना चाहते थे। रात में मैं सो भी नही पाती थी।

दोस्तों मेरा घर एक लो क्लास इलाके में पड़ता है। यहाँ पर अपराध भी बहुत है और आये दिन बलात्कार, मर्डर और लूटपाट की घटनाये होती रहती थी।मैं डरती थी की कहीं कोई लड़का अंकिता की चूत ना मार ले।

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कहीं उसकी इज्जत ना लूट ले। इस वजह से मुझे नींद भी नही आती थी। फिर कुछ दिनों बाद मेरी दूर की रिश्तेदारी का लड़का अंकिता को देखने मेरे घर आया। वो अपने लिए एक अच्छी घेरुलू लड़की ढूढ़ रहा था। उसका नाम पवन  था।

मुझे वो बहुत अच्छा लगा।कितना गोरा, चिट्टा और हैंडसम लड़का था। उसने मुझसे बहुत बाते की। मेरी तीनो लड़कियों को पवन  बहुत पसंद आया। उसके जाने के बाद मैं बाथरूम गयी और उसे सोच सोचकर मैंने अपनी चूत में ऊँगली डाल कर मुठ मार ली।

मेरी उम्र अभी 44  साल थी पर देखने में मैं अब भी मस्त मॉल लगती थी। रात में बार बार मुझे पवन  के ही सपने आ रहे थे। मैं मन ही मन उससे चुदने के सपने देखने लगी।

मैं अपने होने वाले दमाद का मोटा लंड खाना चाहती थी। पवन  देखने में गोविंदा हीरो जैसे लगता था। वो बहुत स्मार्ट और हैण्डसम लड़का था। उसकी उम्र सिर्फ 23 साल थी।

बेटी अंकिता, पवन  तुझे कैसा लगा??? पसंद आया की नहीं???” मैंने अपनी जवान बेटी अंकिता से पूछा।वो बिना कुछ कहे अंदर भाग गयी। मेरी छोटी बेटियों ने मुझे बताया की अंकिता को पवन  बहुत पसंद आया।

एक दिन मैंने उसे मोबाइल पर काल किया। मैंने उसका हाल चाल पूछा। वो बहुत अच्छी तरह से बात कर रहा था। बड़ा मिलनसार लड़का था वो।

मैंने उससे कहा की बेटा घर आ जाया करो। अगले हफ्ते पवन  मेरे घर पर आने वाला था। मैंने तय कर लिया था की आज मैं उसका मोटा लंड खा लुंगी। आज मैं उससे कसके चुदवा लुंगी।

कुछ देर बाद पवन  मेरे घर में आ गया। हम सभी उससे बात करने लगे। मैंने उससे पूछा की कब तक वो अंकिता से शादी करने की सोच रहा है। तू उसने कहा की नवम्बर का महीना शादी करने के लिए ठीक रहेगा।

मैंने अपनी तीनो लड़कियों अंकिता, सोनी और सिवानी  को सब्जी पुड़ी बनाने के लिए बोल दिया। ये तो सिर्फ एक बहाना था। असल में मैं अपने होने वाले दमाद से चुदवाना चाहती थी।

पवन , अब मैं तुमको दमाद जी कहकर बुलाऊंगी!!” मैंने कहा। वो खिलखिलाकर हंसने लगा। ठीक है मम्मी जी!!” वो बोला,आओ बेटा मेरी कुछ पेंटिंग देख लो!” मैंने कहा और उसे लेकर अपने बेडरूम में चली आई।

मैंने दरवाजा बंदर से बंद कर लिया। मेरे बेडरूम में कई नंगी औरतों की पेंटिंग लगी थी जिसे मैं हमेशा ढंककर रखती थी। मैंने पर्दा हटा दिया। मेरे होने वाला दमाद ने देखा तो दंग रह गया।

पेंटिंग में कई नंगी नंगी खूबसूरत लड़कियों के चित्र बने हुए थे। वो गौर से उन पेंटिंग को देखने लगा। मैंने पवन  को पकड़ लिया और उसकी जींस की के उपर से मैं उसके लंड को रगड़ने लगी।

मम्मी जी…ये क्या????” पवन  बोला,दमाद जी… आज मुझे अपना मोटा लंड खिला दो। प्लीस न मत कहना। जिस दिन से आपको देखा है आपसे चुदने के सपने देख रही हूँ। देखो न मत कहना वरना मेरा दिल टूट जाएगा”

मैंने कहा और पवन  को जल्दी से पकड़ लिया और मैं उससे लिपट गयी। मैं जल्दी जल्दी उसकी जींस के उपर से उसके लौड़े को सुहरा रही थी। पर मम्मी जी अंकिता जान गयी तो?????” पवन  थोड़ा डरकर बोला.

अरे दमाद जी, तुम तो बिलकुल गाय हो। देखो तुम मुझे यही इसी समय चोद लो।  को नही मालूम पड़ेगा। देखो तुम मेरी तीनो लड़कियों को चोद लेना। पर आज मुझे अपना लौड़ा खिला दो” मैंने कहा और उसे पकड़ लिया।

कुछ देर में पवन  भी तैयार हो गया। मैंने उसके लिए खास तौर से गहरे गले वाली शिफोन की साड़ी पहनी थी। अपनी चूत की झांटे भी मैंने अच्छे से सुबह ही बना डाली थी। मैंने अपने होने वाले दमाद के लब चूस रही थी।

वो भी मेरे होठो को चूस रहा था। फिर हम दोनों बिस्तर पर आ गये थे।पवन  ने मुझे पकड़ लिया और मेरे रसीले होठ पीने लगा। दोस्तों आज तो मुझे जिन्दगी का असली मजा मिल गया था।

उसने मुझे बाहों में भर लिया था। मेरे साथ वो प्यार कर रहा था। फिर मेरी शिफोन साड़ी का पल्लू उसने हटा दिया। अब मेरे गहरे रंग के ब्लाउस से मेरे 40” के खूबसूरत दूध अब दिखाई दे रहे थे।

पवन  ने मेरे रसीले मम्मो पर हाथ रख दिया और जल्दी जल्दी दबाने लगा। मैं “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…आह आह उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” की आवाज निकाल रही थी।

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फिर पवन  बहुत जादा उत्तेजित हो गया था। उसने मेरी साड़ी खोल दी। मेरा ब्लाउस और पेटीकोट खोल दिया।फिर उसने मेरी ब्रा खोल कर निकाल दी और पेंटी उतार के मुझे पूरी तरह से नंगा कर दिया था।

फिर पवन  ने अपने कपड़े निकाल दिए। उनका लौड़ा 10” लम्बा और 2 इंच मोटा था। मैंने देखा तो मेरी जवानी खिल सी गयी। उसके हट्टे कटते लौड़े से मुझे इश्क हो गया था।

पवन  मेरे उपर लेट गया और उसने मुझे बाहों में कस लिया। मेरे जिस्म के हर हिस्से पर वो किस कर रहा था। मेरे गाल, माथे, आँखें, कंधे, पेट, पैरों, सब जगह पर किस करने लगा।

मैं उसको बहुत सेक्सी और हॉट माल लग रही थी। पवन  ने मुझे कसके पकड़ लिया और बस हर जगह चूमने लगा।

उधर मेरी तीनो लड़कियाँ उसके लिए छोले पूड़ी बना रही थी। मैंने भी इधर पूरी तरह से चुदासी औरत बन गयी थी। इस वक़्त मैं अपने होने वाले दमाद के सीने पर हर जगह चुम्मी ले रही थी। उसके हाथ मेरे नंगे चूतडों को बड़े प्यार और दुलार से सहला रहे थे।

साफ था की वो भी आज कसके मेरी चूत मारना चाहता था। मैं आज उससे अपनी बुर फड़वा लेना चाहती थी। बहुत देर तक पवन  मेरे जिस्म के हर हिस्से को चूमता और सहलाता रहा। फिर वो मेरे 40” के बहुत बड़े बड़े दूध पीने लगा। मुझे तो स्वर्ग जैसा महसूस हो रहा था।

पवन  के पंजे मेरे दूध को कस कसके दबाए जा रहे थे। वो भी मजा ले रहा था और मुझे भी मजे दे रहा था। दोस्तों मेरी चूचियां तो बहुत ही सुंदर, चिकनी, बड़ी बड़ी और गोल गोल थी।

पवन  तेज तेज मेरे आमो को दबा रहा था। मैं “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह आआआअह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” की आवाज निकालने लगी।पवन  तेज तेज मेरे दोनों दूध दबाने लगा। फिर मुंह में लेकर पीने लगा। मेरी चिकनी चूचियों पर उसका मुंह बार बार फिसल जाता था। वो जल्दी जल्दी मेरे दोनों आप पीने लगा। आज जाकर मुझे शांति मिली थी। क्यूंकि जब मेरे पति ज़िंदा थे मेरे आम चूस चूस कर मेरी चूत मारा करते थे।

आज मेरा होने वाला दमाद मेरे दूध पी रहा था। दोस्तों मेरी बलखाती चूचियां तो गर्व से तनी हुई थी और दामाद को बहुत रोमांचित कर रही थी। पवन  तो अपनी आँखें बंद करके मेरी दोनों रसीली और गर्वीली चूचियों को चूस रहा था। साफ़ था की उसे मैं बहुत हॉट और सेक्सी माल लग रही थी।

उसने मेरे चूचियों को कई बार अपने दांत गड़ा दिए थे जिससे  निशान बन गये थे। पर आज मैं उसे रोकना नही चाहती थी। मुझे तो आज उसका मोटा लंड खाना था। मेरी निपल्स को पवन  ने मन भरके चूसा।

फिर मेरी नाभि में जीभ डालने लगा। मुझे गुदगुदी होने लगी “आआआअह्हह्हह……ईईईईईईई….ओह्ह्ह्हह्ह….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” इस तरह से मैं सिस्कारियां लेने लगी।

फिर पवन  धीरे धीरे नीचे की तरफ बढ़ने लगा। वो मेरे पेडू को पीने लगा। मैं अपनी गांड उठाने लगी। फिर पवन  ने मेरे दोनों खूबसूरत पैर खोल दिए। मैं चांदी की मोटी मोटी पायल पहन रखी थी।

उसके घुंघरू बार बार बज रहे थे। फिर वो मेरी चूत के दर्शन करने लगा।वो चूत को जैसे ही उसने सहलाया मैं उछल पड़ी। “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” मैं चिल्लाई।

फिर मेरा होने वाला दामाद मेरी चूत को सहलाने लगा। उसने अपनी २ उँगलियाँ मेरी चूत में डाल दी और जल्दी जल्दी मेरी चुद्दी [चूत] चोदने लगा। मैं बार बार अपने चूतड़ हवा में उठा देती थी।

फिर पवन  जहाँ मेरी चूत में ऊँगली कर रहा था वही जीभ लगाकर मेरे चूत के दाने को चाट रहा था। मैं तो पागल हो रही थी। उसको बहुत मजा आ रहा था। पवन  जल्दी जल्दी अपनी ऊँगली को अंदर बाहर कर रहा था और चूत दे दाने को चाट रहा था।

दोस्तों इस तरह उसने बड़ी देर तक भरपूर मजा दे दिया। तभी मेरी लड़कियाँ अंकिता, सोनी और सिवानी  आ गयी और दरवाजा खटखटाने लगी। मम्मी खाना बन गया। दरवाजा खोलो!!” मेरी लड़कियाँ बोली.

मैं डर गयी थी की कहीं उनको मेरे और दमाद जी के काण्ड के बारे में ना पता चल जाए। बेटी तुम खाना मेज पर लगाओ। बस मैं एक मिनट में तेरे जीजा जी को लेकर आ रही हूँ!!” मैंने नंगे नंगे ही कहा।

अभी मैं अपने दमाद से चुदी भी नही थी। ऐसे कैसे मैं उठकर जा सकती थी। फिर पवन ने जल्दी से अपनी ऊँगली मेरी चूत से निकाल ली, क्यूंकि हम दोनों के पास वक़्त काफी कम था।

मेरी चूत का अमृतरस पवन  की ऊँगली में चुपड़ गया था। वो मुंह में लेकर चाटने लगा।मेरी चूत दे दाने को उसने २ ३ बार ऊँगली से घिस दिया। फिर मेरी दोनों टाँगे उठाकर अपने कंधों पर रख ली और मेरी चूत में अपना 10” लम्बा लौड़ा डाल दिया और मुझे चोदने लगा।

जैसे ही उसका २ इंच मोटा लौड़ा मेरी चूत में घप्प से अंदर घुसा मैं “…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…” बोलकर सिसक गयी।पवन  मुझे घपाघप चोदने लगा। मेरी दोनों टाँगे उसके कंधों पर थी और पवन  मुझे जल्दी जल्दी चोद रहा था।

उसके ताकतवर लौड़े को मैं अपनी चूत में महसूस कर सकती थी। उसका लौड़ा जल्दी जल्दी मेरी चुद्दी [चूत] को चोदने लगा। मैं सेक्स और वासना का अजीब सा नशा चढ़ गया था।

मेरी आँखे उलट गयी थी क्यूंकि मुझे उच्च स्तर की मानसिक शान्ति मिल रही थी। मैं मजे से चुद रही थी। जब पवन  और तेज तेज धक्के मारने लगा तो मेरी चुद्दी से चट चट की आवाज आने लगी। लगा की कोई मुझे चांटे चांटे मार रहा हो।

मेरे 40” के खूबसूरत मम्मे जल्दी जल्दी उपर नीचे होकर हिल रहे थे।पवन  मुझे घूर घूर पर चोद रहा था। साफ़ था की मैं उसके १ नम्बर का पटाखा माल लग रही थी। फिर उसने मुझे २ ४ चांटे मेरे दोनों गाल पर जड दिए |मेरी गर्दन उसने कसके पकड़ ली। वो बहुत जादा चुदासा हो गया था। वो मेरी गर्दन को जोर से दबाए दे रहा था और जल्दी जल्दी कमर मटकाकर मुझे चोद रहा था।

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मैं बिलकुल देसी रंडी लग रही थी। “उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी… हा हा हा..ओ हो हो….” की आवाज मैं निकाल रही थी। “आह आह राजा…..आजजजज…मुझे कसके चोदो दोदोदोदोदो… इस तरह मैं चिल्ला रही थी।

फिर मेरा होने वाला दमाद पवन  ने 4 नम्बर का गियर लगा दिया और बेरहमी से मेरी फुद्दी मारने लगा। मैं अब जन्नत के मजे ले रही थी। पवन  बिलकुल जानवर बन गया था। वो मेरे गर्दन को दबाये हुए था और जल्दी जल्दी मुझे पेल रहा था।

मेरे जिस्म में आग लग चुकी थी।वासना और चुदास की आग में मैं जल कर राख हुई जा रही थी। उसने मुझे आधे घंटे इसी तरह मेरी दोनों टांग उठाकर चोदा फिर लौड़ा मेरे भोसड़े से जल्दी से निकाल लिया। मेरे मेरे पास आ गया। मैं जल्दी से अपना मुंह खोल दिया।

फिर पवन  ने अपना लौड़ा मेरे मुंह के ठीक सामने कर दिया और जल्दी जल्दी फेटने लगा। कुछ देर में उसके लौड़े से माल की कई पिचकारी निकली तो सीधा मेरे मुंह में चली गयी। मैं अब चुद चुकी थी और जल्दी जल्दी अपने कपड़े पहनने लगी। मेरी लडकियाँ बार बार दरवाजा पीट रही थी।

फिर पवन  ने जल्दी से कपड़े पहन लिए और दरवाजा खोल दिया और बाहर चला गया। मैं जल्दी जल्दी अपने ब्लाउस की बटन बंद करने लगी। तभी मेरी बड़ी लड़की अंकिता अंदर आ गयी। उसने मुझे ब्लाउज की बटन लगाते देख लिया।

अरे मम्मी ये क्या??? तुमने ब्लाउस कम उतार दिया???” अंकिता शक करके बोली। उसे पूरा शक हो गया था की मैं उसके पति और अपने होने वाले दमाद से चुदा रही थी।

कुछ नही बेटा, मेरे ब्लाउज की एक बटन टूट गयी थी। चलो तुम्हारे होने वाले पति को खाना परोसते है मैंने कहा और जल्दी से साड़ी पहनकर मैं कमरे के बाहर निकल गयी। अंकिता जान गयी थी की उसके होने वाले पति से मैं चुद हूँ।

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