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गर्लफ्रेंड की चुदाई

प्यासी गर्लफ्रेंड की गांड गार्डन में फाड़ी – girlfriend sex story

दोस्तो, सबसे पहले आप सभी का धन्यवाद, जिन्होंने मेरी पहली कहानी ,लंड की शौकीन सविता भाभी को पसंद किया और मुझे ढेर सारे मेल भेजे,आपका दोस्त  फिर से अपनी एक मस्त चुदाई की कहानी के साथ हाजिर है|

जो लोग मेरी पिछली कहानी पढ़ चुके हैं, वो मेरे बारे में जानते हैं और जो पहली बार पढ़ रहे हैं, उन्हें मैं बता दूँ कि मेरा नाम सोनू सिंह है और मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार के साथ मुंबई में रहता हूं|

मैंने अपनी पहली कहानी में सबके बारे में जानकारी आप लोगों से साझा की थी कि किस तरह मैं और निशा  एक दूसरे के करीब आए और एक साथ समय बिताने लगे,वैसे तो मैंने निशा  के साथ बहुत ही बार चुदाई का खेल खेला है, लेकिन मेरी और निशा  के साथ की ये सबसे रोमांचक कहानी है.

मैं और मेरी गर्ल फ्रेंड निशा को अब किसी भी बात की समस्या नहीं थी,हम दोनों मस्त होकर सभी जगह घूमा करते और मस्ती करते,इस घूमने और मस्ती को चुदाई तो नहीं कह सकते हैं, लेकिन इस सब में थोड़ा बहुत चूमना-चाटना तो हो ही जाता था|

हालांकि मेरा इस सबसे मन नहीं भरता था|मैंने एक दिन घूमने और निशा  की चुदाई करने का प्लान बनाया,इस बार मैंने बॉटनिकल गार्डन को चुना|  जो लोग मुंबई  में रहते हैं, वो लोग इस जगह के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं कि ये जगह कितनी बड़ी है

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अब प्लान बन गया था, घूमने जाने से पहले मेरे मन में कुछ शरारत सूझी और मैंने दुकान से जाकर एक डेयरी मिल्क की बड़ी वाली चॉकलेट ले ली| हम लोग घूमने के लिए निकल गए, निकलने के बाद मुझे याद आया कि मैंने कंडोम तो लिया ही नहीं है|

रास्ते में जाते हुए मैंने अपने एक स्कूल के दोस्त को फोन करके कह दिया कि एक कंडोम का पैकेट ले लेना. मैं तुमसे घर से ले लूंगा. मैं लाना भूल गया हूं|मेरी बात सुनकर वो मान गया,  उसे मालूम था कि मेरी और निशा की चुदाई होती रहती है|

फिर जब मैं वहां पहुंचा, तो वो वहां पहले से ही खड़ा था| मैंने उससे कंडोम का पैकेट ले लिया, तो निशा  मेरी तरफ देखने लगी लेकिन कुछ बोली नहीं,  शायद वो भी समझ गई थी कि आज उसकी सिसकारियां निकलने वाली हैं और वो मस्त चुदने वाली है|

हम लोग बॉटनिकल गार्डन पहुंच गए और टिकट लेकर अन्दर गए, हम दोनों अन्दर घूमने लगे,  वहां पार्क में काफी सन्नाटा था|  मौके का फायदा उठा कर मैं कभी उसके गालों को चूम लेता, तो कभी उसके भरे हुए गोल, गोरे रंग के मम्मे दबा देता उसकी कमीज़ से बाहर झांकते उनके बड़े बड़े मम्मों के क्लीवेज को चूम लेता|

वो अपने भरे हुए दूध मेरे सामने दिखाने में वो कोई शर्म महसूस नहीं करती, मैं उसे पकड़ कर जोर से उसकी चुचियों को मसल देता,  ऐसा मैं इसलिए कर रहा था क्योंकि मैं निशा को गर्म करना चाहता था ताकि मैं उसे अच्छे से चोद सकूं|

काफी देर इधर-उधर घूमने के बाद मुझे एक पेड़ के पास कुछ न्यूज पेपर बिछा हुआ दिखा, तो मैं निशा  का हाथ पकड़ कर वहां ले गया और उसे वहां ले जाकर बैठा दिया,  मैं खुद पेड़ के सहारे टिक कर बैठ गया और निशा  को अपने लंड के ऊपर अपने तरफ मुँह करके बैठा दिया|

उसके बाद मैं उसके गालों पर, गर्दन पर और उसके चेहरे को हर जगह चूमने और चाटने लगा, निशा भी मेरा साथ दे रही थी. क्योंकि हम पार्क में काफी अन्दर घुस कर बैठे हुए थे| इस बात से निशा  भी निश्चिंत होकर मेरे साथ लगी हुई थी|

मेरे लंड की आग को ठंडा करने में साथ ही वो अपनी भी गर्मी शांत कर रही थी,मेरे लंड को सहलाने के बाद वह मेरे लंड के ऊपर बैठ गई और अपनी चुत को घिसने लगी, इससे मुझे यह पता लग गया कि वह गर्म होना शुरू हो गई है|

फिर मैं उसकी जीभ को निकाल कर चूसने लगा था और वह भी इसी तरह मेरा जीभ को चूस रही थी|  तभी मैंने निशा  को रोका, तो निशा  मुझे गुस्से से देखने लगी क्योंकि वह गर्म हो चुकी थी और मुझे छोड़ना नहीं चाहती थी|

मैंने उसे समझाया कि कहीं और चलते हैं, यहाँ एकदम खुला है, तो वह मान गई और काफी देर इधर-उधर घूमने के बाद मैंने पार्क के काफी अन्दर जाकर एक जगह देखी. वहां काफी घनी झाड़ियां थीं|

उधर मैं उसी न्यूज पेपर को बिछा दिया और उसके ऊपर निशा  का दुपट्टा डाल दिया, वो समझ गई कि यही वो रणभूमि है, जिधर लंड चूत की कुश्ती होने वाली है|  वो मुस्कुरा दी तो मैंने उसे गिरा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया|

मैं उसके गालों पर, गर्दन पर और उसके चेहरे को चूमते हुए नीचे की तरफ बढ़ने लगा|  उसका हाथ मेरे बालों में घूम रहा था और वो मज़े के साथ कामुक आवाजें करने लगी| ‘आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… चोद दो मुझे प्लीज़, मुझे चोदो और मत तड़पाओ.’

उसकी चुदास देख कर मैंने कुछ ही पलों में निशा  को चोदने लायक नंगी किया, फिर मैं नीचे को आया और निशा  की गुलाबी चुत चाटने लगा,  मैं कभी-कभी एक उंगली चूत के अन्दर डाल कर अन्दर बाहर कर रहा था| ताकि निशा  पूरी तरह गर्म हो जाए और मुझसे पूरी मस्ती से चुद जाए|

इसके बाद मैंने निशा  के हैंड बैग में से चॉकलेट निकाल कर एक बाइट खाया और बाकी की चॉकलेट को उसकी चुत पर रगड़ने लगा, चुत पर मेरे हाथ से चॉकलेट लगते ही निशा पागलों की तरह कांपने लगी और अपनी टांग से उसने मेरे सर को कब्जे में कर लिया |

मुझे और क्या चाहिए था, मैंने अपनी जीभ उसकी चुत में घुसा दी और मैं चॉकलेट से सनी चूत चाटने लगा, वो मेरे सर के बालों को सहलाती हुए मादकता से ‘सी … सी …’ करने लगी|

जैसे उसकी चुत मेरे मुँह से लगी, मेरे लंड ने भी मेरे पैन्ट के अन्दर से ही उसे सलामी दे दी, वो अपनी चुत मेरे मुँह पर रगड़ रही थी और मैं चप-चप चप-चप उसकी चुत को चाटने में लगा था, जो पानी पानी हो रही थी|  मैं बड़े मज़े लेकर उसकी चुत का पानी, जो चॉकलेट से पूरी तरह सना हुआ था , पी रहा था|

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अब जब चुत तो वो खुद चटवा रही थी, तो मैंने भी अपने दोनों हाथ ऊपर ले जाकर उसके दोनों चुचों को पकड़ लिए और उन्हें ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. मैंने उसकी चुचियों को खूब मसला|

मेरे सर के बाल उसने पूरी मजबूती से पकड़ रखे थे कि कहीं मैं उसकी चुत से अपना मुँह न हटा लूँ. मगर मैं तो तब तक किसी लड़की की चुत चाट सकता हूँ, जब तक वो पानी न छोड़ दे|

इसी तरह उसकी चूचियों को मन भर दबाया और फिर वही हुआ, निशा  कांपते हुए झड़ने लगी| जितने जोर से मैंने उसके चूचे दबाए, उतना ही उसकी चुत ने ज्यादा पानी छोड़ा| उसकी चुत से इस तरह पानी निकल रहा था, जैसे मैंने ऊपर से कोई नल चालू कर दिया हो|

झड़ने के बाद ने उसने मुझे मेरे होंठों पर एक जोरदार किस किया और बोली- मज़ा आ गया, आपने आज मुझे जो खुशी दी है, उसके बाद मेरा आपके लिए मेरा प्यार और बढ़ गया है|

फिर उसने अपनी पकड़ ढीली की और अपने चुचियों को मेरे मुँह में देकर बोली- इसे मसला ही तो है … जरा चूस भी लो न … मैंने उसकी दोनों चुचियों को पकड़ लिया और खूब निचोड़ते हुए चूसा|  वो बस कामुक होकर ‘उम्म्ह … अहह … याह..’ करती रही|

अब वो पागलों की तरह बर्ताव करने लगी थी और मुझे नोंचने लगी थी, वो मेरा लंड पकड़ कर अपनी चुत में घुसाने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैंने उसे ये सब नहीं करने दिया|

मैं उसकी चुत पर रगड़ा हुआ बाकी बची चॉकलेट को चूस चूस कर खाने लगा. निशा  टांगें खोल कर ‘आह आह उम्म्ह … अहह … उफ्फ हय आह आह उम्म्म माह …’ करने लगी और अपने ही होंठों को को दांत से काटने लगी|

लेकिन मैं ये सब अनदेखा करते हुए अपने काम में लगा रहा. मैं पूरे मज़े लेकर निशा  की चुत में जीभ डाल कर उसका पूरा रस निचोड़ लेना चाहता था. साथ ही चूत एक बार झड़ चुकी थी|

तो मुझे उसे फिर से चुदाई के लिए तैयार भी करना था|  लेकिन मुझे उसकी चूत से चॉकलेट मिक्स चूतरस का इतना मस्त स्वाद आ रहा था कि मैं सब भूल ही गया था|

काफी देर तक निशा  इस चॉकलेट चुत चुसाई के बाद कांपते हुए मेरे मुँह को जोरों से पकड़ कर दूसरी बार झड़ गई और दूसरी बार झड़ते ही एकदम से शान्त हो गई.

मैं उसकी चुत से निकला हुआ एक एक बूंद को अमृत समझ कर पी गया और थोड़ा सा उसकी चुत से निकला पानी, जो कि चॉकलेट से मिला हुआ था,

उसके मुँह में डाल दिया जिसे वह पीना नहीं चाहती थी, लेकिन मैंने अपने होंठों से उसके होंठों को बन्द करके रखा था|  जिसकी वजह से उसे पीना पड़ा.

उसके बाद मैंने थोड़ी सी चॉकलेट उसकी चुचियों पर जोर से रगड़ दी, तो वह चिहुंक उठी. उसने मेरे पीठ पर नाखून गड़ा दिए. मैंने दर्द बर्दाश्त कर लिया और उसकी चुचियों को दबा-दबा कर चूसने लगा, मैं कभी-कभी जोर से काट भी लेता था| क्योंकि मुझे ऐसा करने से बहुत अच्छा लग रहा था|

निशा की रसीली चुचियों को चूसने के बाद मैं फिर से धीरे धीरे नीचे की तरफ बढ़ने लगा. उसके पेट पर, उसकी जांघों पर और उसके बाद उसकी चुत पर एक चुम्बन लिया, तो वह सिहर उठी|

अब मुझसे भी कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था, तो मैंने अपने पैंट की ज़िप खोल कर अपना लंड बाहर निकाला और उसे लंड चूसने के लिए बोला.

निशा  ने बहुत मज़े के साथ लंड अपने होंठों में दबाया और मेरी आंखों में आंखें डाल कर लंड चूसने लगी. वह इतने प्यार से मेरा लंड चूस रही थी कि मैं सातवें आसमान पर था. कुछ देर लंड चूसने के बाद मैंने उसे लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया. अब मैं अपने लंड पर कंडोम लगाने लगा. कंडोम चॉकलेट फ्लेवर का था, जो मुझे बहुत पसंद था. उसके सुगंध से मोहित हो कर निशा  भी खुश हो गई.

फिर मैं धीरे-धीरे लंड को पकड़ कर उसकी चूत में घुसाने लगा.

निशा  पहले तो कोशिश कर रही थी कि वह बड़े आराम से मेरा पूरा लंड अन्दर ले लेगी, लेकिन जब थोड़ा सा और अन्दर घुसा … तो वह दर्द के वजह से छटपटाने लगी और उसने मेरे होंठों पर दांत से काट लिया.

उसके बाद मैं लगभग एक मिनट तक रूका रहा. फिर उसके सामान्य होते मैंने एक जोरदार धक्का मार कर पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया. मेरा लंड जैसे ही पूरा जड़ तक घुसा, निशा  की मानो माँ चुद गई. वो जोर से चीख उठी- आइइ इइइ उइइ … आह … हय … आह अम्मी मर गई … इइई!

मैं उसकी चिल्लपों पर तनिक सा भी रहम नहीं दिखाते हुए धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था.निशा  जोर से चीखने में लगी थी- आह अम्मी मर गई … इइइ बचा लो मुझे.

इस सुनसान इलाके में उसकी चीख सुनने वाला कोई नहीं था. उसने फिर से मेरे पीठ पर नाखून गड़ा दिए, लेकिन मुझे कोई फर्क नहीं पड़ा … क्योंकि इस समय मुझ पर तो एक अलग ही जुनून हावी था. मैं बस अंधाधुंध निशा  की चुदाई करने में लगा था. मुझे यूं लग रहा था … जैसे आज ही दुनिया समाप्त होने वाली है.

कोई पांच मिनट बाद निशा  की बोली बदल गई और अब निशा  मस्त होकर लंड ले रही थी- आह … आह जोर और जोर से चोदो … आह … आह … और जोर से..चोदो मुझे आज अपना बना लो और जब तक आपका मन नहीं भर जाता … तब तक आप मुझे इसी तरह चोदते रहिए.

मैं भी उसकी चूचियों को चूसते हुए उसे धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था. लगभग आधे घंटे के चुदाई के बाद मुझे ऐसा लगा कि जैसे मेरा होने वाला है तो मैंने उससे कहा कि मैं आने वाला हूँ.उसने भी इशारा दे दिया.उसके बाद और तेज धक्के लगाते हुए मैं और निशा  एक साथ ही झड़ गए.

कुछ देर तक शान्त बैठे रहने के बाद मैंने फिर से निशा  को खींच कर अपने करीब बैठाया. मैंने उसके होंठों को अपने मुँह में लेकर चूसा और उसका नीचे वाला होंठ काट भी लिया.

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वो तड़प उठी और मुझे मना करने लगी कि ऐसा मत करिए.मैंने उससे कहा- आज तुम मुझे ना रोको … जो मेरा मन कर रहा है, करने दो.

ये सुनकर पहले कुछ देर तक मुझे देखती रही … फिर उसने बोला- ठीक है, आप मुझे आज कितना भी दर्द दो, मैं उफ्फ तक नहीं करूंगी.

फिर मैंने निशा  को दूसरी बार गर्म करके बड़ी बेदर्दी से चोदा … मगर वो भी बहुत सब्र वाली लड़की थी, मेरे हर ज़ुल्म को बर्दाश्त कर रही थी. मैंने उसको उल्टा लेटाया और उसके दोनों चूतड़ खोल कर हल्का सा थूक लगाया और अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया.

बेशक मुझे भी दर्द हुआ, तो आप अंदाज़ा लगाइए उसे कितना दर्द हुआ होगा. उसके मुँह से दर्द की सिसकारियाँ फूट पड़ी थीं. अभी तक जो दर्द वह दबा कर रखे थी, अब वो रो पड़ी.अब जब गांड फटती है, तो अच्छे अच्छे रो देते हैं. ये तो रेशम सी निशा  थी.

मैंने उसके सर के बाल पकड़ कर उसे मिट्टी की तरफ दबा कर उसे 4-5 धक्के मारे और फिर उससे पूछा- क्यों मज़ा आया मेरी जान?

वो रोते हुए बोली- दर्द तो बहुत हो रहा है … लेकिन उससे कहीं ज्यादा मजा आ रहा है … दरअसल आपने पहली बार मेरी गांड में अपना लंड डाला है ना … ऊपर से आपका लंड इतना मोटा है कि दर्द तो होगा ही. उसकी इस तरह की बातें सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया और मैं निशा  को सहलाते हुए चोदने लगा.

सच कहूँ तो आज मैंने उस लड़की पर कहर ही ढा दिया था. ज़ोर लगा लगा कर अपना लंड उसकी गांड में घुसा डाला, उसके जिस्म पर जहां कहीं भी चर्बी थी, अपने हाथों से नोंच नोंच कर उसे दर्द दिया.

वो रोती रही, तड़पती रही … मगर उसने एक बार भी मना नहीं किया. मैं उसकी गांड मारता रहा और धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था और वह रोये जा रही थी. कुछ देर गांड मारने के बाद मुझे भी दर्द होने लगा था, तो मैंने उससे कहा कि मेरा लंड चूसो.

वह रोते हुए मेरा लंड ‘चभ चभ..’ करते हुए चूसने लगी. मैंने ऐसा इसलिए भी कहा था ताकि मुझे थोड़ा देर के लिए आराम मिल जाएगा और निशा  को भी रिलैक्स होने का समय मिल जाएगा.

कुछ देर के बाद जब निशा  का दर्द कम हुआ, तो वह पूरी मस्ती के साथ चूसने लगी. मेरा लंड ठंडा होने जा रहा था, उसे निशा  ने चूस-चूस कर फिर खड़ा कर दिया था.

अब मेरे मन फिर से शैतान होने लगा. जब निशा  का दर्द कम हुआ, तो वह पूरी मस्ती के साथ चूसने लगी. मेरा मन फिर से उसकी गांड में लंड डालने का करने लगा.

मैंने फिर से उसे पेट के बल लेट जाने को बोला, तो निशा  के सब्र का बांध टूट गया और बोली कि बहुत दर्द हो रहा है … आप उधर फिर कभी और कर लेना, पर मैं नहीं माना और उससे बोला कि ज्यादा देर नहीं करूंगा|

तब जाकर निशा  मान गई और मैं फिर से निशा की गांड मारने लगा, कोई 8-10 मिनट तक धक्के मारने के बाद मैं बहुत ज्यादा थक गया था, तो मैंने उसकी गांड में पानी छोड़ दिया|

अब तक निशा  और मैं कुछ ज्यादा ही तकलीफ, दर्द और थक गए थे. कुछ देर आराम करने के बाद हमने अपने कपड़े ठीक किए और चलने के लिए जैसे ही तैयार हुए, तो मैंने देखा कि निशा  ठीक से चल भी नहीं पा रही है|

मैंने उसे सहारा दिया और लड़खड़ाती हुई निशा  को बाहर लाया, इसके बाद हम दोनों बस में बैठ गए, बस में काफी देर आराम करने के बाद निशा  जब बस से उतरी, तो उसका लड़खड़ाना थोड़ा कम हुआ.

लेकिन मैं फिर भी कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था, उसे घर छोड़ने से पहले एक मेडिकल शॉप पर लेकर गया और एक पेन किलर दे दिया ताकि उसका दर्द थोड़ा कम हो जाए|  निशा  बोली कि दर्द तो आपको भी है ना, तो आप भी एक पेन किलर ले लीजिए

मैंने कहा कि मैं ठीक हूं, फिर मैंने निशा  के माथे के बीच में अपने होंठों से किस किया और उसे घर छोड़ दिया|

मेरे प्यारे दोस्तो, कैसी लगी आप सबको मेरी सेक्स कहानी, जरूर बताइएगा और साथ ही अगर कोई गलती हो गई हो, तो माफ़ कर दीजिएगा|

फिर हाजिर होऊंगा अपनी एक और हसीना के चुदाई के साथ की., आप सब अपना ख्याल रखें और अन्तर्वासना सेक्स कहानी पर चुदाई की कहानी जरूर पढ़ें|

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