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Antarvasna Story

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Threesome Sex Story

मेरी चूत को भाई और दोस्त ने चोदा- Threesome Sex Story

हाई, मेरा नाम दीप्ती है फ्रॉम ग्वालियर। मैं २१ इयर की हु। मैं बी। कॉम। फाइनल इयर में हु। वहां मैं पहले हॉस्टल में रहती थी, फिर मैंने अपनी एक फ्रेंड के साथ एक कमरा किराये पर ले लिया। मेरा रंग गोरा, हाइट ५।४ है और मेरा फिगर ३२ डीडी – २९ – ३४ है।

मेरी एस और थिंग की फिटिंग बहुत सेक्सी लगती है जीन्स में। मुझे शौपिंग करने का बहुत शौक है। सो दिल्ली में एक्स्ट्रा पेसो के लिए बाहर चुदवा लेती थी। मेरी फ्रेंड रंडी थी और वो रोज़ किसी ना किसी से चुदती थी। और जब मुझे पैसे चाहिए होते थे, तो वो मेरे लिए भी कस्टमर करवा देती थी। मैं ८००० – १०००० में पूरी रात के लिए चुदवाने जाती थी। मंथ में ५-६ बार चुद्वाती थी। ग्वलियर में मेरी मम्मी ४५ और बड़ा भाई मोनू २४ रहते थे। पापा दुबई में जॉब करते थे। तो बहुत ही कम आते थे।

२न्द सेमेस्टर के एग्जाम के बाद, १५ दिन के लिए घर गयी थी। मम्मी को मौसी के पास जाना पड़ा, नानी की तबियत काफी ख़राब हो गयी थी। सो मैं और भाई ही घर पर बचे थे। भाई अपने दोस्तों को घर बुलाकर ड्रिंक करता था और मैं सबके लिए खाना बना देती थी। वो सब भी मुझ से छोटी बहन की तरह ही बातें करते थे।

मम्मी के जाने के २ दिन बाद, भाई के ३ फ्रेंड घर आये। रोहन, अक्षय और रजत। रोहन और अभि तो आते रहते थे और मैं भी उन्हें जानती थी। मैं रजत को देखकर चौक गयी। रजत मेरी फ्रेंड को २ -३ बार चोद चूका था और उसने मुझे भी मेरी फ्रेंड के साथ उसी होटल में जाते हुए देखा था।

मुझे देखकर उसे मेरी शकल याद आ गयी, बट उसने कुछ कहा नहीं। मैं भी समझ गयी, कि ये मेरे राज खोल सकता है। मैं डर गयी थी। उस दिन भाई और तीनो ने सुबह से काफी ड्रिंक कर ली थी दोपहर २:३० बजे तक। वो पानी के बहाने किचन में आया और मुझे पीछे से पकड़ लिया। उसके हाथ मेरे बूब्स को पकडे हुए थे और मेरी गांड पर वो अपने लंड रगड़ने लगा।

मैंने उसे अलग करने की कोशिश की, लेकिन उसने कहा – नाटक करेगी, तो सबको बता दूंगा। कि तू एक रंडी है। मैं डर गयी और चुपचाप खड़ी रही। वो मेरे बूब्स दबाये जा रहा था। फिर मुझे घुमाकर किस करने लगा। उसके हाथ मेरी जीन्स के ऊपर से ही मेरी चूत और गांड पर जोर – जोर से चलने लगे। इसने फटाफट मेरी जीन्स का बटन खोला और हाथ अन्दर डाल दिया और ऊँगली मेरी चूत में घुसाने लगा।

जीन्स खोली नहीं थी। इसलिए हाथ बिलकुल टाइट था। २- ४ बार ऊँगली अन्दर – बाहर करने के बाद उसने ऊँगली निकाली और अपने मुह में डाल कर चाटी। फिर वो बोला, तू चिंता मत कर किसी को कुछ नहीं बोलूँगा। पर तुझे अभी रंडी कुतिया की तरह चुदना होगा। ये कहकर वो बाहर चला गया।

फिर थोड़ी देर में जब व्हिस्की की बोटेल ख़तम हो गयी। तो रजत ने कहा – मैं और लेकर आता हु। रात और रोहन बाहर चले गये बोटेल लेने। रजत ने बाहर रोहन को मेरे बारे में सब बता दिया और कहा – अगर तू मेरा साथ दे। तो इसको अभी चोद लेंगे। ये बहुत बड़ी रंडी है।

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उन्होंने अक्षय को भी फ़ोन करके बाहर बुला लिया और उसे भी अपने प्लान में शामिल कर लिया। जब वो लोग और बोतल लेकर वापस आये, तो उन्होंने प्लान बनाया कि मोनू को खूब बोटेल पिलाकर बेहोश कर देते है और फिर सब मिलकर मुझे चोदेंगे। उन तीनो की शकले देखकर ही समझ गयी थी, कि आज मेरी चूत का बुरा हाल होने वाला है। सबे फिर से ड्रिंक करनी शुरू कर दी। सब मोनू को ज्यादा पिला रहे थे और और खुद बहुत थोड़ी सी पी रहे थे।

इतने में रजत के दिमाग में ख्याल आया, कि क्यों ना मोनू को भी उसकी बहन की चुदाई के लिए उकसाया जाए। उसने अपनी जेब से ४ वियग्रा की गोली निकाली और सबके ग्लास में डाल दी। मोनू को वैसे ही बहुत चढ़ गयी थी और ऊपर से गोली का असर।

उसका लंड खड़ा होने लगा। बाकि तीनो के लंड भी खड़े हो चुके थे, पर वो तीनो होश में थे। रजत मोनू के साथ सेक्स की बात करने लगा और कहा – मैं अपनी गर्लफ्रेंड को ऐसे चोदता हु और ये सब सुनकर मोनू के लंड का और भी बुरा हाल होने लगा। मोनू बोला – यार, आज मेरा किसी को छोड़ने का बड़ा मन कर रहा है।

रोहन बोला तो चोदले ना। तुझे कहीं दूर भी जाने की जरूरत भी नहीं है। इतना गजब का माल है। मैं ये सब किचन से सुन रही थी। फिर मोनू बोला – नहीं यार, बहन है वो मेरी। तो बाकि सब कहने लगे; तो क्या हुआ? तेरे पास लंड है और तेरी बहन के पास चूत। दोनों को एक दुसरे की जरुरत है। क्या वो कभी किसी से नहीं चुदेगी।? तो तू भी चोद ले। ये सब सुनकर मोनू का दिमाग ख़राब होने लगा।

एक तो व्हिस्की का नशा और उसपर गोली। तो मोनू का लंड बेकाबू होने लगा। मोनू ने मुझे आवाज़ दी, दीप्ती बाहर आयो। मैं अपनी घर की टाइट टीशर्ट और टाइट जीन्स में थी। मोनू का लंड अब पेंट से बाहर आ रहा था। मुझे देखकर वो पागल होने लगा। उसने एकदम से खड़े होकर अपनी बाहों में जकड लिया और बूब्स और गांड दबाने लगा। वो मुझे पागलो की तरह किस कर रहा था। मैं हिल भी नहीं पा रही थी।

मैंने भागने की बहुत कोशिश की, पर उसने मुझे ऐसे जकड रखा था, की मैं हिल भी नहीं पा रही थी। मैंने बोलने की कोशिश की, भैया मैं आपकी छोटी बहन हु। मेरे साथ ऐसा मत करो। पर मैं कुछ भी नहीं बोल पा रही थी। रात, अक्षय और रोहन मेरे साथ ये सब होते हुए देखकर बड़े खुश हो रहे थे और बोल रहे थे – चोद दे मोनू।

आज इसे चोद दे। साली बड़ी मटक – मटक कर गांड हिलाकर चलती है। डाल दे अपना लंड इस साली रंडी की चूत में। ये सब सुनकर मैं भी एक्साइट होने लगी। मोनू तो पागल हो ही गया था। वो जल्दी – जल्दी मेरे कपडे उतारने लगा। मेरी टीशर्ट निकाली और फिर मेरी ब्रा को भी जोर से खीचकर निकाल दिया। मेरे बूब्स देखकर सबके मुह में पानी आ गया।

सबने अपने – अपने कपडे उतार दिए। मेरी जीन्स रोहन ने खोली और साथ ही पेंटी भी खीच कर निकाल दी। मैं ४ मर्दों के सामने नंगी खड़ी थी और मेरी चूत से पानी निकल रहा था। मोनू मुझे किस कर रहा था और रोहन मेरी गांड में मुह डाल कर पीछे से चूत चाट रहा था। मोनू आगे आया और मेरे बूब्स को पकड़ कर मसलने लगा और चूसने लगा। मोनू ने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और हम सब पुरे नंगे हो चुके थे।

जब तक मोनू कपड़े उतारने के लिए हटा। तब तक रजत ने मुझे गोद में उठा लिया और मेरी दोनों टाँगे उसने अपने से लिपटा ली। वो मुझे किस कर रहा था और उसका लंड मेरी चूत पर था। उसने अपना लंड मेरी चूत पर टिका दिया और धक्का मारा। मैं चुदी तो हुई थी पहले भी, तो लंड को अन्दर जाने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई।

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२ -३ झटको में पूरा लंड अन्दर चले गया और वो मुझे ऐसे ही हवा में चोदने लगा। मैं रजत की गोद में हि थी और वो मुझे धक्के मार रहा था। रोहन पीछे से आया और मेरी गांड में ऊँगली डालने लगा। चुदाई की वजह से मैं उछल रही थी और रोहन की ऊँगली भी मेरी गांड में अन्दर – बाहर हो रही थी।

फिर रजत ने मुझे नीचे उतारा और सबके लंड को चूसने के लिए कहा। मैं घुटनों पर बैठ गयी और एक – एक करके सबके लंड चूसने लगी। सभी मुझे घेर कर खड़े हो गये। मैं २ मं मोनू का लंड चुस्ती, फिर अक्षय का, फिर रजत का और फिर रोहन का। ऐसे गोल – गोल घूम कर मैंने २० मिनट तक सबके लंड चुसे।

फिर सब ने मेरे मुह में ही अपना – अपना पानी छोड़ दिया। सब लोगो ने १ – १ पेग बनाया और मुझे सीधा लेटा दिया बीच में। रात मेरी चूत पर व्हिस्की डाल रहा था और अक्षय और रोहन मेरी चूत चाट रहे थे और व्हिस्की पीने लगे। मोनू भैया मेरे बूब्स दबा रहे थे। फिर रजत ने कहा, कि मोनू ये तेरी रंडी बहन है।

तू इसे चोद पहले। ये सुनकर मोनू भैया को जोश आ गया और उन्होंने मेरी टाँगे चौड़ी की और अपना लंड मेरी चूत के मुह पर रखा। फिर उन्होंने एक जोरदार झटका मारा और पूरा लंड अन्दर डाल दिया। मुझे बहुत ज्यादा दर्द हुआ। मेरी चीख निकली और आंसू भी निकल आये। पर भैया नहीं रुके और मुझे ऐसे ही चोदते रहे।

बाकि ३नो व्हिस्की पीते रहे और हस्ते रहे। वो मेरे बूब्स दबाते, निप्पल चूसते और खीचते। वो मुझे थप्पड़ भी मार रहे थे।

१० मिनट चोदने के बाद, भैया ने अपना लंड बाहर निकाला और हट गये। फिर रोहन आया और मेरी चूत मारना शुरू किया। उसके बाद अक्षय का पानी भी मेरी चूत में गिर गया। उसने अपना लंड निकाला और मेरे मुह में डाल दिया और बोला – चल साली छिनाल, इसे चाट कर साफ़ कर।

मैं उसके लंड का पानी और अपनी चूत का पानी टेस्ट कर रही थी। मैंने उसे चूस – चूस कर साफ़ कर दिया। मैं बुरी तरह थक चुकी थी और मेरा पानी भी २ बार छुट चूका था। बट ये लोग नहीं माने। रजत ने मुझे घोड़ी बनाया और मुझे टेबल पर टिका कर खड़ा कर दिया।

फिर उसने मेरी टांगो को मौड़ कर मेरी गांड को उठा दिया और उस पर थप्पड़ मारे। मुझे बड़ा दर्द हुआ। मेरा रंग गोरा है, तो उसके थप्पड़ो के निशान मेरी गांड पर बन गये थे। वेसे ही मेरे निप्पल और बूब्स पर काट – काट कर उन लोगो ने निशान बना दिए थे। अब मोनू भैया मेरे सामने आ गये थे और रजत मेरे पीछे खड़ा था।

रात ने अपना लंड मेरे पीछे से मेरी चूत में डाला और आगे से मोनू भैया ने अपना लंड मेरे मुह में। रजत बड़ी जोर से मेरी चूत चोदे जा रहा था। और मोनू मेरा सिर और बाल पकड़ कर जोर – जोर से अपने लंड से मेरे मुह को चोद रहा था। मेरी दोनों तरफ से चुदाई हो रही थी। लंड मुह में होने की वजह से मैं ठीक से सांस भी नहीं ले पा रही थी। मेरे मुह से कोन्तिन्यूस थूक बाहर गिर रहा था। मैंने मोनू भैया का लंड पकड़ा और अपने मुह से खीचकर बाहर निकाला और सांस ली।

मैं हांफ रही थी। रजत पीछे से बड़ी जोर – जोर से झटके मार रहा था। रोहन भी मेरे मुह के पास आ गया और मैंने उसका भी लंड पकड़ा और मैं मोनू और रोहन के लंड को बारी – बारी से चूस रही थी और चुदाई की वजह से अहहहः अहहहहः चिल्ला रही थी। रजत का भी पानी मेरी चूत में ही गिर गया।

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मोनू ने लंड मेरे मुह से निकाल कर मेरे पीछे गया और मेरी चूत में डाल दिया और मुझे चोदने लगा, मैंने रोहन कर लंड जोर से चूसने लगी। मैं बुरी तरह से थक चुकी थी और समझ गयी थी, कि अगर नहीं छुटी, तो चुदाई बंद नहीं होगी।

मैंने लंड और तेजी से चुसना शुरू किया और अपनी चूत भी टाइट कर दी। जिससे भैया का लंड भी जल्दी ही पानी छोड़ने वाला था। वैसे ही हुआ,झटको में मोनू का पानी निकल गया। रोहन भी छुटने वाला था। मैंने उसके लंड को अपने मुह के अन्दर – बहार कर के उसपर जीभ ऐसे घुमाना चालू किया, कि वो रुक नहीं पाया और मेरे मुह की गर्मी से उसके लंड का मेरे मुह में फाल हो गया। मेरी चूत और मेरा मुह दोनों ही वीर्य से भरे पड़े थे। सारे लड़के थक चुके थे और नशा भी कम हो गया था।

शाम के ७ बज चुके थे। मैं खड़ी हुई और बाथरूम जाने लगी। पर मुझे इतना दर्द हो रहा था, कि मैं ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। मैंने बाथरूम में जाकर शावर ओन किया और वहीँ बैठ गयी। २० मिनट तक मैं ऐसे ही बैठी रही और फिर कहीं जाकर मेरी उठने की हिम्मत हुई।

मैं अपने रूम में जा रही थी, तो हॉल में देखा, की किसी ने भी कपड़े नहीं पहने है। मोनू भैया और रोहन वैसे ही सो गये है और अक्षय भी लेटा हुआ था और रजत भी सोफे पर नंगा ही पड़ा हुआ था। उसने मुझे देखा और फिर ऐसे स्माइल की, कि उसने दुनिया जीत ली हो।

मैंने ध्यान से देखा, उन सबके ही लंड बिलकुल लाल पड़े थे बिलकुल मेरी चूत की तरह। मैं भी नंगी और बिलकुल गीली थी। मैं अपने रूम में आ गयी और सोचने लगी, कि आज ये सब क्या हुआ? इतनी ज्यादा थकी हुई थी, कि बेड पर गिरते ही सो गयी। नंगी ही। मेरी नीद आधी रात को ३ बजे खुली। मेरी चूत सूजी हुई थी।

पूरा बदन दुःख रहा था। मैंने कुछ खाया भी नहीं था, तो पेट भी बहुत दुःख रहा था। मैं बुरी हालत में चलते हुए बाहर गयी। चूत सूजी होने के कारण, मैंने ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। हॉल में देखा, तो सब वैसे ही नंगी हालत में बेहोश पड़े थे। मैंने थोड़े बिस्कुट खाए और पानी पीकर सोने चली गयी। सुबह नीद खुली, तो १०:३० बज चुके थे। दर्द काफी हो रहा था। घर पर कोई भी नहीं था। सब चले गये थे। उसदिन, भैया ने मुझसे आँखे नहीं मिलायी और ना ही वो मुझसे बात कर पा रहे थे।

वो मुझे बस अब चोदते थे। हम बात नहीं करते थे। वो बस रात को और दिन में मुझे चोदते थे। कभी रोहन और अक्षय आ जाते थे, तो वो मुझे चोदते थे। जब ८ दिन बाद, मम्मी वापस आ गयी, तो मैं दिल्ली चली गयी।

तब से मैं भी अपनी दोस्त की तरह पेसो के लिए रोज़ चुदवाने लगी और पूरी रंडी बन गयी। रजत दिल्ली आता, तो वो मुझे चोदता था। भैया भी आते थे, तो वो मुझे चोदते थे। कैसी लगी आपको मेरी ये कहानी। बताना जरुर।।

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