Antarvasna Story

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दीवाली के बाद चुदाई की कुछ हसीन यादें – Antarvasna

Antarvasna : दोस्तो, मैं रोहन फिर से आपके लिए एक कहानी लेकर आया हूँ।हमारी पड़ोस में एक नया जोड़ा रहने आया था, वो भी हमारे साथ था।उस जोड़े में निशा और संदीप थे |

उन दोनों की उम्र शायद 22-23 के आस-पास होगी। ये हमारे बाजू वाले घर में 4 महीने से रह रहे हैं।निशा का कद 5’7″ होगा, वो बहुत सुंदर भी थी, उसका फिगर 34-28-36 के लगभग का होगा, वो एक मस्त माल लगती थी।

शुरू में हम लोग कम ही बात करते थे, वो भी मुझसे सिर्फ ‘हाय हैलो,’ ही करती थी। Antarvasna फिर मैं औरसंदीपधीरे-धीरे दोस्त बन गए। हम दोनों का एक-दूसरे के घर जाना होता था, तो मैं और निशा बातें करने लगे।एक बार संदीप ने मुझे खाने पर बुलाया था, पर वो टाइम पर नहीं आया जबकि मैं पहुँच गया था।

मैं, भाभी,संदीप अभी तक नहीं आया और मुझे जल्दी बुला लिया? निशा,कुछ दिनों से उसे थोड़ा ज्यादा काम रहता है।मैं, आप बताओ, आप तो फ्री होती हो ना, पूरा दिन क्या करती हो?

निशा, फ्री नहीं होती, घर का काम होता है। तुम सब एक जैसा ही सोचते हो कि हम लेडीज़ घर में फ्री ही होंगी।मैं, चलो भाभी, मैं हार गया और आप जीत गईं।निशा, यस, मुझे जीतना पसन्द है, मैं कभी हारी नहीं।

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दीवाली के बाद चुदाई की कुछ हसीन यादें -  Antarvasna

मैं, हारोगी कैसे, आप जो इतनी सुन्दर हो, आपको देख कर सामने वाला यूँ ही हार जाएगा।निशा, सच में इतनी खूबसूरत हूँ मैं, या सिर्फ तुम दिखावे के लिए कह रहे हो? मैं, नहीं भाभी, आप वाकयी में सुन्दर हो, और सेक्सी भी हो,

निशा- थैंक्स रोहन , मैं यही चाहती हूँ कि कोई मेरी तारीफ करे।इतने में संदीपआ गया।‘क्या बातें हो रही हैं, देवर-भाभी के बीच में?’मैं,कुछ नहीं संदीप, मैं तो अभी आया पर तुम नहीं आए, इसलिए भाभी को पूछ रहा था।

संदीप, हाँ यार, आजकल काम बहुत रहता है, लाइफ बोरिंग सी हो गई है।लॉकडाउन में दुकान वाली भाभी को बंद कमरे मे चोद डाला |मैं, तो फिर रंगीन बना देते हैं।

निशा, वो कैसे?मैं, देखो संदीप, थोड़े दिनों में दीवाली आ रही है। हम सब दीवाली मनाने दीव चलते हैं, वहाँ मज़ा आएगा। तुम्हारा स्ट्रेस भी कम हो जाएगा और भाभी भी खुश हो जाएगी।

संदीप- आईडिया तो अच्छा है, मैं सोचूंगा इस बारे में, निशा, तुम खाना लगाओ, मैं फ्रेश होकर आता हूँ।निशा ने सेक्सी सी स्माइल दी और ‘थैंक्स’ कह कर चली गई।हमने खाना खाया और मैं अपने घर चला आया।

दूसरे दिन ऑफिस सेसंदीपका फोन आया और उसने घूमने जाने के लिए ‘हाँ’ कर दी। फिर मैंने अपने मम्मी-पापा से बात की और वो भी आने को राजी हो गए।

उसी दिन पूनम परमार का कॉल आया और मैंने अपना प्रोग्राम उसे बताया तो वो भी एक्साइटेड हो गई और उसने भी कहा कि सोच कर बताऊँगी।

मैं और पूनम पुराने दोस्त हैं, हमारी अकसर बातें होती रहती हैं। आप चाहो तो उसकी कहानियाँ पढ़ सकते हो।वो काफी सुन्दर है और सबसे बड़ी बात उसे गांड मरवाने का बड़ा शौक है।

दूसरे दिन उसका मैसेज आया कि वो भी आएगी पर उसे टिकेट और बुकिंग लेट हुई इसलिए वो न्यू-ईयर के दूसरे दिन पहुँच जाएगी। मुझे तो मज़ा आ गया शायद एक मना करे तो दूसरी तो है ही। फिर मैंने अपनी पैकिंग कर ली और बाकी सबने भी अपना सामान पैक कर लिया।

वो दिन आ ही गया, हम सब दीवाली के अगले दिन वहाँ पहुँच गए, अच्छे होटल में रुक गए, दिन भर कुछ जगह घूमे और रात को खाना खाने के लिए होटल के रेस्तराँ में गए।

उस दिन निशा काफी सेक्सी लग रही थी, लाल रंग की साड़ी और स्लीवलैस ब्लाउज पहना था। मैं भी उसे ही देख रहा था और मौका मिलने पर टच भी कर लेता था जिस पर वो एक कंटीली स्माइल दे देती थी।

मेरे मॉम डैड ने जल्दी खाना खा लिया और वो ऊपर चले गए क्योंकि वो थोड़ा थक चुके थे और वो आराम करना चाहते थे।मैंने खाना खाते हुए अपना एक पैर उसके पैर को टच किया और उसने वापस स्माइल दी।

यह सिलसिला चालू रहा उसे मज़ा आ रहा था।संदीप खाना खत्म करके बोला- मैं ऊपर जाकर अंकल के साथ कल का प्रोग्राम बनाता हूँ, तुम दोनों जल्दी आना।फिर मैं हाथ साफ करने वाशरूम गया और बाद में निशा भी आई

मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे कहा- आज तो तुम वाकयी में क़यामत लग रही हो।वो बोली, तुम भी कम शरारती नहीं हो रोहन ।दोस्तो, मैं उसे वहाँ किस करना चाहता था, पर तभी दरवाजे पर किसी के आने की आहट सुनाई दी और हम चले गए।फिर हम सबने दूसरे दिन का प्रोग्राम बनाया बीच पर जाने का प्रोग्राम था।

पर डैड माने नहीं, उन्होंने कहा- तुम तीनों बीच पर जाओ, हम दोनों चर्च जाएंगे।हम मान गए।सब जल्दी सो गए, पर मुझे कहाँ नींद आने वाली थी। मेरे दिमाग में तो निशा ही घुसी थी, मैंने कमरे से बाहर निकल कर उसे मिसकॉल किया।

वो थोड़ी देर में बाहर आई- मिसकॉल क्यों किया?मैं- बस तुम्हारी याद आ गई थी।उसने उस वक्त ब्लैक कलर की नाइटी पहनी थी और वो भी बैकलैस।मैंने अपने हाथों से उसके गालों को पकड़ा और उसके होंठों पर किस किया।

किस करते ही मानो, मेरे अन्दर बिजली का करंट दौड़ गया। मुझे थोड़ा डर भी लग रहा था और मज़ा भी आ रहा था।फिर मैंने किस किया और वो मेरा भरपूर साथ देने लगी। मैं उसके होंठों का रसपान करने लगा।

फिर मेरे हाथ उसके नाइटी में चले गए और मैं उसकी पीठ सहलाने लगा और फिर चूतड़ दबाने लगा।कुछ पलों बाद मैं उससे अलग हुआ और मैंने उसकी नाइटी का बटन खोला और देखा कि उसने अन्दर ब्रा पहनी ही नहीं थी।

मैं उसके मम्मों को दबाने लगा और उसे किस करने लगा। फिर मैं उसके मम्मों को चूसने लगा और वो गर्म ज्यादा हो गई।कसम से उसके चूचे दबाने में काफी टाइट और मजेदार सॉफ्ट से भी थे।

तब उसने मुझे अलग किया और बोली- अभी नहीं, वो जग जाएंगे, कल रात को करेंगे।मैंने भी ज्यादा फोर्स नहीं किया, वो चली गई और मैं कमरे में गया और मुठ मारकर सो गया।

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दीवाली के बाद चुदाई की कुछ हसीन यादें -  Antarvasna

हम सुबह उठे और तैयार होकर बीच पर गए, वो बीच छोटा सा था, हम नहीं चाहते थे कि कोई हमें देखे, इसलिए हम सुनसान बीच पर गए, वहाँ कोई नहीं था।पूरे दिन पानी में नहाने और खेलने का प्रोग्राम था।

इसलिए हम बियर की कुछ बोतलें और नाश्ता साथ ही ले गए थे।वहाँ हम तीन ही थे।मैं और संदीपतो जल्द ही बॉक्सर में आ गए और नहाने चले गए, तब तक निशा ने दो बियर की बोतल और कुछ नाश्ता लगा कर रख दिया।

हम दोनों थोड़ी देर बाद बाहर निकल कर रेत पर लेट कर बियर पी रहे थे, तभी हमारे होश उड़ गए।निशा लाल रंग का स्विमिंग सूट पहन कर पानी से बाहर निकली, जैसे कि कोई हॉलीवुड की हीरोइन हो।

वो उनसे कम भी नहीं लग रही थी। आज तो वो क़यामत लग रही थी और उसका जानलेवा फिगर एकदम मस्त लग रहा था।वो हमारे पास आई औरसंदीपको बोली- जानू मेरे लिए कार में पड़ा तौलिया लाओ ना, मुझे यहाँ लेटकर आराम करना है।

संदीप जैसे ही गया उसने उसकी बियर की बोतल में कुछ मिला दिया। मैंने उसकी तरफ देखा तो उसने मुझे आँख मार दी।थोड़ी देर मेंसंदीपआ गया। निशा ने हम तीनों के लिए पैग बनाए और हम सब पीने लगे।

कोई 5 मिनट में हीसंदीपलुढ़क गया।फिर निशा कातिल अंगड़ाई लेते हुए बोली- अब हमें यहाँ रोकने वाला कोई नहीं है रोहन , 2-3 घंटे तक ये नहीं उठने वाला है। तुम अपनी भाभी के साथ जो चाहे कर सकते हो।

मैं- भाभी आप आज बहुत हॉट एंड सेक्सी लग रही हो। इस स्विम सूट में आपके चूचे और गांड को बहुत सूट हो रही है।निशा, हाँ रोहन , मैंने स्पेशल इस दिन के लिए ही ली है। चलो मेरे इस पर्स में से तेल निकाल कर मेरी मालिश कर दो।

मैंने तेल निकाला और वो तौलिया बिछा कर उल्टी लेट गई। मैंने उसका सूट खोल दिया और वो सिर्फ ब्रा और पैन्टी में रह गई। मैं उसकी पीठ पर तेल मलने लगा और वो मसाज का मज़ा लेने लगी।

वो बोली- रोहन मुझे तुम्हारी हरकतें और शरारतें बहुत पसंद आती हैं। वर्ना मैं किसी को टच भी करने नहीं देती।मैं, थैंक्स भाभी, मैंने जब आपको पहली बार देखा था, तब से ही आपको पाना चाहता था और आज वो दिन आ ही गया।

फिर वो सीधी लेट गई और अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था। मैं उसके ऊपर लेट कर उसे किस करने लगा। वो मेरा भरपूर साथ दे रही थी। मेरा एक हाथ उसकी पैंटी में था, और दूसरा उसके बदन पर मचल रहा था।

मेरी उंगली उसकी चूत को सहला रही थी और निशा भाभी मस्त सिसकारियां निकाल रही थी।धीरे-धीरे मेरी उंगली गीली होने लगी।फिर मैंने उसकी ब्रा को उतार फेंक दिया और पैन्टी तो कब की निकल चुकी थी

फिर मैं उसके मम्मों को चूसने लगा और वो और गर्म हुए जा रही थी।वो अपना एक चूचा मेरे मुँह में देती हुई बोली,रोहन इसे भी चूसो न, जी भर के चूसो, आज मैं पूरी की पूरी तुम्हारी हूँ।

मैं, हाँ भाभी पर सिर्फ 3 घंटे के लिए ना।वो, अरे यार उसे फिर जल्द ही सुला दूँगी, बस मेरे राजा तू मुझे मजा देता रह।मैंने उसके मम्मों को चूस-चूस कर लाल कर दिया और उसकी चूत पर अपना मुँह टिका दिया।

‘बोलो लम्बा चलना हो तो फिर से उसको सुला दूँ?’मैं बोला,नहीं भाभी उसको अब बेहोश मत करना वर्ना उसे शक हो जाएगा। जो छुप-छुप कर करने में मजा है वो बिंदास करने में नहीं है।

फिर मैं उसकी चूत चाटने लगा और उसके मुँह से ‘आह, यह, आआआह,’ जैसी आवाजें निकलने लगीं।मैंने चाटने की स्पीड बढ़ा दी और वो जोर-जोर से चीखने लगी। करीब दस मिनट तक मैंने उसकी चूत चाटी।

उस दौरान वो एक बार मेरे मुँह में झड़ गई और मैं उसका पानी पी गया।वो बोली,अब रहा नहीं जाता, अब अपना लंड पेल दो।मैंने देर न करते हुए अपना लंड उसकी चूत पर टिकाया और एक धक्का दिया और आधा डाल दिया।

भाभी चीखने लगी, निकाल दो, आह्ह, दर्द हो रहा है।वो सही थी, उसकी चूत थोड़ी टाइट थी, पर मैंने उसकी एक ना सुनकर एक और धक्का लगा दिया और पूरा लंड डाल दिया।

अब वो रोने लगी, क्योंकि वो दर्द सह नहीं पा रही थी।मैंने उसके आंसू पोंछे और उसको किस करने लगा, मैंने बोला- भाभी अब दर्द नहीं होगा।फिर मैं धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा और उसे मजा आने लगा।

मैंने स्पीड बढ़ा दी और वो भी अपनी गांड उठाकर मेरा साथ देने लगी। कुछ ही मिनट में वो फिर झड़ गई।इसके कुछ देर बाद मैं भी झड़ने वाला था तो उसने बोला- मैं पीना चाहती हूँ।

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दीवाली के बाद चुदाई की कुछ हसीन यादें -  Antarvasna

मैंने अपना लंड उसके मुँह में दे दिया और वो सारा माल पी गई।मैं, भाभी आपसंदीपसे प्यार नहीं करती?निशा, बहुत करती हूँ।मैं, तो फिर मेरे साथ सेक्स के लिए कैसे तैयार हो गई?

निशा,आपकी हरकतें बहुत अच्छी लगती हैं और आप मेच्योर हो।मैं,आप भी कम शैतान नहीं हो भाभी। चलो पानी में मस्ती करते हैं।वो मान गई और हम पानी में मस्ती करने लगे।

मैंने उसे पानी में लिटा दिया और हम दोनों किस करने लगे। फिर हमने बहुत रोमांस किया और अबसंदीपके जागने का टाइम हो गया था इसलिए हमने कपड़े पहन लिए और रेत में ही सोने का नाटक करने लगे।

इतने मेंसंदीपजाग गया और उसने हम दोनों को उठाया।फिर हम सबने बियर पी और फिर शाम को डिनर करने चले गए। डिनर के बाद सब सो गए।रात को 12 बजे मेरे कमरे की घंटी बजी।

दरवाजा खोला तो निशा भाभी सामने खड़ी थी। वो अन्दर आ गई और मैंने उस रात उसकी 3 बार जमकर चुदाई की, जिसमें मैंने एक बार उसकी गांड भी मारी।फिर सुबह तो पूनम आने वाली थी |

हम सबको जाना था, पर मैंनेसंदीपसे कहा- मेरे कुछ दोस्त आने वाले हैं इसलिए मैं बाद में आऊँगा।मैं सबको स्टेशन छोड़ने गया और वापस होटल आ गया।

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