चूतडो से पेल कर तेल निकाल दिया- Antarvasna Sex Story
Antarvasna Sex Story ; मेरे और अविनाश के बीच बहुत ही अच्छी दोस्ती थी हम दोनों एक दूसरे के साथ ही रहा करते थे लेकिन अब अविनाश विदेश जाना चाहता था। अविनाश अपनी पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहता था और उसके पिताजी ने उसे उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेज दिया।
मैं अभी भी मुंबई में ही था लेकिन अविनाश के साथ मेरी बातें होती रहती थी और वह मुझसे हमारे दोस्तों के बारे में पूछता रहता। करीब एक साल बाद अविनाश घर लौटा तो वह काफी ज्यादा बदल चुका था उसके बात करने के तरीके में भी काफी ज्यादा बदलाव आ चुका था लेकिन मैं अभी भी वैसा ही था जैसा मैं पहले था मेरे अंदर कोई भी बदलाव नहीं आया था।
एक दिन अविनाश और मैं साथ में घूमने के लिए निकले उस दिन हम दोनों मॉल में शॉपिंग के लिए भी चले गए अविनाश ने हीं मुझे कहा कि चलो संजय हम लोग शॉपिंग के लिए चलते हैं और हम लोग शॉपिंग के लिए गए। वहां हम लोग शॉपिंग कर रहे थे की तभी अविनाश के कोई परिचित वहां उसे मिले अविनाश ने मेरा परिचय भी उन लोगों से करवाया।
जब उस दिन अविनाश ने मुझे माधुरी से मिलवाया तो मुझे माधुरी से मिलकर बहुत ही अच्छा लगा। माधुरी से उसके बाद मेरी मुलाकात नहीं हो पाई थी लेकिन एक दिन अचानक से हम दोनों की मुलाकात हो गई उस दिन हम दोनों रेलवे स्टेशन पर मिले मैं ट्रेन का इंतजार कर रहा था और माधुरी भी मेरे आगे ही खड़ी थी।
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पहले मुझे लगा कि शायद माधुरी मुझे पहचान नहीं पाएगी लेकिन उसने मुझे पहचान लिया उसने मुझसे कहा कि तुम अविनाश के दोस्त संजय हो, मैंने उसे कहा हां मेरा नाम संजय ही है। मैंने उसे कहा कि तुम अभी कहां जा रही हो तो वह मुझे कहने लगी कि मैं तो अभी घर जा रही थी।
हम दोनों ही लोकल ट्रेन का इंतजार कर रहे थे और जैसे ही ट्रेन आई तो हम दोनों ट्रेन में चढ़ गये उसके बाद हम दोनों सीट में बैठ चुके थे। उस वक्त रात हो चुकी थी इसलिए बैठने के लिए हम दोनों को जगह मिल चुकी थी। हम दोनों एक दूसरे से बात कर रहे थे तो माधुरी ने मुझसे कहा कि संजय तुम क्या करते हो तो मैंने उसे बताया कि मैं कुछ समय पहले ही एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करने लगा हूं वह मुझे कहने लगी कि मैं भी कंपनी में जॉब करती हूं।
हम दोनों एक दूसरे से बात कर रहे थे कि तभी माधुरी का स्टेशन आ गया और वह उतर गई मैं माधुरी के बारे में सोच रहा था लेकिन मैं माधुरी का नंबर नहीं ले पाया और माधुरी चली गई। मुझे लगा कि उस दिन के बाद मुझे माधुरी कभी नहीं मिलेगी लेकिन उसके कुछ दिनों बाद ही माधुरी दोबारा से मुझे मिल गई। हम दोनों को एक दूसरे से बात करना अच्छा लगने लगा था और हम दोनों एक दूसरे से बात करते तो हमें बहुत ही अच्छा महसूस होता है।
एक दिन मैं और माधुरी आपस में फोन पर बात कर रहे थे तो माधुरी ने मुझे बताया कि वह कुछ दिनों के लिए जयपुर जा रही है। मैंने उसे कहा कि क्या जयपुर में कोई जरूरी काम है तो उसने मुझे बताया कि वहां उसके किसी रिश्तेदार की शादी है और वहां वह कुछ दिनों के लिए जा रही है इसलिए हम दोनों की बात उस बीच हो नहीं पाई। करीब 10 दिन हो गए थे मैं माधुरी से बात नहीं कर पाया था जब माधुरी वापस मुंबई लौटी तो उसने मुझे फोन किया और कहा कि संजय मुझे तुमसे मिलना है।
उस दिन हम दोनों मिले जब हम दोनों मिले तो उसने मुझे शादी की कुछ तस्वीरें दिखाई, मुझे माधुरी का साथ हमेशा ही अच्छा लगता है और उसे भी मेरे साथ अच्छा लगता था। हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करते। हम दोनों की फोन पर तो बहुत ज्यादा बातें होती थी लेकिन हम दोनों की अब मुलाकातों का दौर भी बहुत अधिक होने लगा था।
जब भी मै माधुरी से नहीं मिलता तो मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता एक दिन मै माधुरी के साथ बैठा हुआ था तो मैंने उस दिन माधुरी का हाथ पकड़ते हुए उसे कहा माधुरी मैं जिस दिन तुमसे मुलाकात नहीं करता हूं उस दिन मुझे बड़ा अजीब सा महसूस होता है और मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता। वह मुझे कहने लगी संजय मेरे साथ भी बिल्कुल ऐसा ही है मैं तुम्हारे बिना एक पल भी नहीं जा सकती।
उस दिन मेरी और माधुरी के बीच किस हुआ जिसके बाद तो अब हम दोनों एक दूसरे से पूरी तरह खुलकर बातें करने लगे थे और हम दोनों की अब सेक्स को लेकर भी बातें होने लगी थी मैं माधुरी के सेक्सी फिगर का साइज पूछ लिया करता लेकिन मुझे अभी तक मौका नहीं मिला था कि मैं माधुरी के साथ संभोग करू पर वह मेरे साथ संभोग करना चाहती थी मेरे लिए तो यह बहुत ही ज्यादा खुशी की बात थी।
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जब मैंने माधुरी से कहा कि हम लोग आज किसी होटल में चलते हैं और हम दोनों एक होटल में चले आए हालांकि माधुरी शर्मा रही थी लेकिन मैंने उसे कहा कि तुम्हे शर्माने की जरूरत नहीं है और हम लोगों ने होटल में कमरा ले लिया था। उसके बाद हम लोग रूम में चले गए और हम दोनों के अंदर गर्मी बढ चुकी थी। मैंने माधुरी को बिस्तर पर लेटाया तो मै उसके गुलाबी सूट को उतारने की कोशिश करने लगी लेकिन मुझे उतारने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
उसके बाद मैंने उसके काले रंग की ब्रा को उतारा तो उसके स्तनों को मैं अपने हाथ में लेकर सहलाने लगा मुझे अच्छा लग रहा था और उसे भी बहुत आनंद आ रहा था। वह अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी और उसके अंदर की गर्मी बढ़ती जा रही थी मैंने उसे कहा कि मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है और वह कहने लगी मुझे भी बड़ा अच्छा लग रहा है। जब मैंने उसे कहा कि मैं तुम्हारी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा रहा हूं तो वह मुझे कहने लगी तुम जल्दी से घुसा दो मेरे अंदर बहुत ही ज्यादा बेचैनी जाग रही है।
मैंने अब उसकी सलवार के नाड़े को खोलकर नीचे किया जैसे ही मैंने उसकी पैंटी को उतारा तो मैंने देखा उसकी चूत पूरी तरीके से गीली हो चुकी थी मैंने जैसे ही उसकी योनि के अंदर अपने लंड को किया तो वह जोर से चिल्लाई। मैंने अब अपने मोटे लंड को उसकी चूत के अंदर घुसाया जैसे ही मेरा मोटा लंड उसकी चूत के अंदर गया तो उसकी सिसकारियां बडने लगी थी और वह कहने लगी मेरी चूत को आज तुम फाड कर रख दो।
मैंने उसे इतनी तेजी से धक्के देने शुरू कर दिए थे कि उसकी चूत के अंदर बाहर मेरा लंड बड़ी तेज गति से हो रहा था और वह मुझे अपने दोनों पैरों के बीच में जकडने की कोशिश कर रही थी। जब वह ऐसा कर रही थी तो मैंने उसे कहा कि मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मैंने अब उसके स्तनों को अपने हाथ में ले लिया मेरा लंड उसकी चूत से इतना ज्यादा रगडने लगा था कि मुझे एहसास होने लगा था कि जैसे मेरा लंड पूरी तरीके से छिल चुका है और उसकी चूत भी अंदर से छिल चुकी है।
माधुरी मुझे कहने लगी कि आज तुम ने मेरी जवानी को सफल बना दिया है ऐसा लग रहा है कि जैसे बस तुम मेरे साथ संभोग करते रहो मुझे तुम्हारे लंड को आज लेकर ऐसा लग रहा है जैसे कि तुम्हारा लंड ही मेरी चूत को पूरा सफल बना रहा है। उसके मुंह से ऐसी बातें सुनकर मैं तो गर्म हो चुका था वह उत्तेजित हो गई थी और मुझसे कहने लगी कि मुझे लग रहा है मै झड़ने वाली हूं वह मुझे अपने पैरों के बीच में कसकर जकडने लगी थी जिससे कि मुझे एहसास हो चुका था कि वह झड़ चुकी है वह जैसे ही झडी तो मैंने अपने माल को उसकी चूत में गिरा दिया। थोड़ी देर बाद जब उसने दोबारा लंड को चूसना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा मेरे अंदर की गर्मी बढ गई थी और मुझे ऐसा लगने लगा था कि मैं उसकी चूत दोबारा से मार सकता हूं।
मैंने उसकी योनि के अंदर अपने लंड को घुसाया तो मेरा लंड उसकी योनि के अंदर तक चला गया था अब वह चिल्लाने लगी थी उसकी चूतड़ों पर मैंने अपने हाथ से प्रहार भी किया और उसकी चूतड़ों की दीवार से मैने लंड सटा दिया था।
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वह मुझे कहने लगी कि मुझे तुम्हारे साथ सेक्स कर के मजा आ रहा है उसकी गर्मी मैंने पूरी तरीके से बड़ा ही दी थी। उसने मेरी गर्मी को इतना बढ़ा दिया था कि मैं इसी बात से अंदाजा लगा रहा था कि मेरे अंडकोष से भी पसीना बाहर की तरफ को आने लगा था और मेरा शरीर पूरी तरीके से पसीना पसीना हो गया था लेकिन जिस प्रकार से वह मेरा साथ दे रही थी उससे मेरी गर्मी बढ रही थी।
मै जब उसकी चूतड़ों की तरफ मैं देखता तो उसका रंग भी अब लाल होने लगा था उसकी चूतडे लाल हो चुकी थी तो वह मुझे कहने लगी मुझे आज बहुत ही मजा आ गया। मैंने उसे कहा मजा तो मुझे भी बहुत आ रहा है और ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जैसे तुम्हारी चूत मेरे वीर्य को बाहर की तरफ खींच रही है।
वह इस बात पर मुस्कुराने लगी और मुझे कहने लगी मुझे भी ऐसा ही प्रतीत हो रहा है कि मेरी चूत से कुछ ज्यादा ही लावा बाहर निकलने लगा है। मेरे अंदर का ज्वालामुखी फूटना वाला था और मैंने उसे इतनी तेज गति से धक्के दिए कि जल्दी से मेरा वीर्य बाहर आया जैसे ही मेरा वीर्य बाहर की तरफ गिरा तो मैंने अपने वीर्य का छिड़काव उसकी बड़ी चूतडो पर कर दिया और उसे मैंने खुश कर दिया। वह बड़ी खुश थी और मुझे कहने लगी आज मुझे बहुत मजा आ गया उसके चेहरे की खुशी देखकर मैं खुश हो गया था और माधुरी भी बहुत ज्यादा खुश थी।