Deprecated: Function WP_Dependencies->add_data() was called with an argument that is deprecated since version 6.9.0! IE conditional comments are ignored by all supported browsers. in /home/antarvas/domains/antarvasnastory.net.in/public_html/wp-includes/functions.php on line 6131

Antarvasna Story

हिंदी की सेक्स कहानियाँ पढ़े और लुप्त उठाएं

Bur Chudai

मेरी बुर के दीवाने ठरकी अंकल – Bur Chudai

Bur Chudai: नमस्कार दोस्तों ,मैं मिसेज कविता हूँ दोस्तो|मैं 28 साल की एक मद मस्त, जवान और पढ़ी लिखी औरत हूँ।मेरी शादी दो साल पहले आनंद नाम के एक लड़के से हो गई थी।आनद भी बड़ा स्मार्ट और हैंडसम लड़का है|

वैसे मैं नागपुर की रहने वाली हूँ।मेरी ससुराल भी नागपुर में ही है मगर मैं आजकल अपने पति के साथ दिल्ली के रोहिणी एरिया में रह रही हूँ।मैं 5′ 5″ के कद वाली हूँ, गोरी चिट्टी हूँ और चंचल स्वभाव की हूँ।

देखने में सेक्सी, खूबसूरत और हॉट हूँ।ऐसा मैं नहीं कह रही हूँ लोग कहते हैं।मेरे मम्मे थोड़ा बड़े बड़े साइज के हैं|मेरी कमर पतली है, मेरी बाहों की गोलाई बड़ी मनमोहक है इसलिए|

हवसलीला : सविता मैम की रसीली चूत चुदाई – Antarvasna Sex Story

मेरी बुर के दीवाने ठरकी अंकल - Bur Chudai

मैं अक्सर स्लीवलेस कपड़े ही पहनती हूँ।मेरे कूल्हे थोड़ा बड़े बड़े है जिससे मुझे ठुमके लगाने में बड़ी आसानी होती है।मेरी जांघें केले के तने जैसी हैं और मेरे चूतड़ भी बड़े आकर्षक हैं।साथ ही मेरी गांड़ भी ससुरी बड़ी मस्त है|

फिर गरम चूत के तो कहने ही क्या!उसके बारे में मैं आपको आगे बताऊंगी।शादी के पहले कॉलेज के दिनों में मैं दो बातों के लिए बहुत मशहूर थी।एक तो पढ़ाई के लिए और दूसरे चुदाई के लिए!

मतलब यह कि मैं जितनी बातें पढ़ाई के बारे में करती थी उतनी ही बातें चुदाई के बारे में भी करती थी।चुदाई में सबसे ज्यादा लण्ड की बातें होतीं थीं।

मैं ही नहीं, सभी लड़कियां खुल कर लण्ड की बातें करती थीं।‘लण्ड का साइज और लण्ड की बनावट’ कभी ख़त्म न होने वाला टॉपिक था।कोई ऐसा दिन न था जब लण्ड पर कोई बात न होती हो|

लड़कियां वैसे भी लड़कों से ज्यादा गन्दी गन्दी बातें करतीं हैं।वैसे भी हर लड़की के मुंह से लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा जैसे शब्द निकलते ही रहते थे।

उसके साथ साथ गालियां भी जैसे बहन चोद, मादर चोद, माँ का लौड़ा, बहन का लौड़ा, भोसड़ी वाली, बुर चोदी, गांडू और भी बहुत कुछ सबके मुंह से सुनाई पड़ता था।

वो सच में बड़े अच्छे दिन थे यार!मैं याद करती हूँ तो सिहर जाती हूँ।बस कॉलेज के दिनों में ही मैंने लण्ड पकड़ना शुरू किया, लण्ड मुंह में लेना शुरू किया और फिर लण्ड का सड़का मारना भी शुरू किया।

तभी मुझे एक सहेली ने लण्ड का वीर्य पीने की सलाह दी और उसके फायदे बताये।उसने मुझे लण्ड का वीर्य पीते हुए दिखाया।बस मैं भी वही करने लगी|तो एक साल में ही मेरी चूचियाँ दूनी हो गईं।

मुझे लण्ड पीने में मज़ा आने लगा|फिर एक दिन लण्ड चूत में पेलवाना भी शुरू कर दिया।जी हां दोस्तो, मैं शादी के पहले खूब चुदी हुई थी।यह बात किसी को नहीं मालूम सिर्फ आपको बता रही हूँ।

किसी से मत कहना प्लीज!मैं कॉलेज में पढ़ती थी तो हमारे पड़ोस में एकअजय नाम के अंकल रहते थे।वे बड़े मस्त, गोरे चिट्टे, स्मार्ट और हैंडसम थे।हमारे घर आते जाते थे।

मैं कभी कभी उनके घर जाकर इंग्लिश पढ़ती थी।अंकल बड़े प्यार से पढ़ाते भी थे।मैं मन ही मन अंकल का बड़ा आदर और सम्मान करती थी।मेरी जब शादी हो गयी तो हमारा संपर्क टूट गया।

वे नागपुर में ही थे और मैं यहाँ दिल्ली आ गई।मेरी शादी को दो साल हो गये हैं| इन दो सालों में मुझे अपने पति के लण्ड के अलावा कोई और लण्ड नहीं मिला।

मैं धीरे धीरे किसी पराये मरद के लण्ड के लिए तरसने लगी।मेरी चूत मुझे बहुत परेशान करने लगी।मेरा मन किसी काम में नहीं लग रहा था।मुझे कॉलेज के लण्ड बहुत याद आ रहे थे।

एक दिन शाम को मैं अपनी दोस्त अंजलि के साथ चौपाटी पर घूम रही थी।अचानक किसी के मुंह से निकला- अरे कविता तुम यहाँ?मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो बोली- आपअजय अंकल है न?वे बोले , हां कविता , मैंअजय ही हूँ।

मैंने कहा- अरे अंकल, कहाँ खो गए थे आप? मैं आपको बहुत याद करती हूँ … आपसे मिलना चाहती थी। आपसे बातें करना चाहती थी। पर यह बताओ यहाँ दिल्ली में कैसे?

वे बोले- यहाँ रोहिणी में मेरी बेटी है। मैं उसी के यहाँ ठहरा हुआ हूँ।मैंने कहा- अरे वाह, मैं तो रोहिणी में ही रहती हूँ।वे बोले- फिर तो हमारा मिलना होता रहेगा।

तलाकशुदा मौसी की पलंगतोड़ चुदाई – Antarvasna

मेरी बुर के दीवाने ठरकी अंकल - Bur Chudai

मैंने कहा- होता रहेगा ये तो आगे की बात है, मेरे साथ अभी चलो मेरे घर!फिर मैंने उन्हें अंजलि से मिलवाया और कहा- यह मेरी दोस्त अंजलि है। यह भी साथ चलेगी।फिर हम तीनों लोग गाड़ी में बैठ कर घर आ गए।

मेरा पति एक हफ्ते के लिए विदेश गया था।मैंने दोनों को बड़े प्यार से बैठाया और झुक कर पानी दिया।झुकने से मेरी साड़ी का पल्लू गिर पड़ा।मेरी छोटी सी ब्रा के अंदर से मेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ अंकल को दिख गईं।

वे अपने होंठ चाटने लगे।मुझे बहुत अच्छा लगा, मैंने राहत की सांस ली। मुझे पराये मरद के लण्ड का रास्ता दिख गया।
मैंने ठान लिया कि आज नहीं तो कल मैं अंकल का ओल्ड लंड अपनी गरम चूत में ले ही लूंगी।

सुना है कि बड़े बड़े लोगों के लण्ड भी बड़े बड़े होते हैं।इतने में नकल बोले- कविता , तुम पहले से ज्यादा खूबसूरत हो गई हो। ज्यादा सेक्सी दिखने लगी हो| शादी के बाद तुम्हारा चेहरा ज्यादा खिल गया है।

मैंने कहा- वो तो मैं नहीं जानती अंकल … लेकिन शादी के बाद मैं बहनचोद ज्यादा बोल्ड हो गई हूँ। अब मैं किसी भोसड़ी वाले से शर्माती नहीं हूँ और डरती भी नहीं हूँ। बेशरम हो गई हूँ मैं!

मेरे पति के न रहने पर मुझे कोई भी मादरचोद हाथ नहीं लगा सकता!वे बोले, क्या मैं भी नहीं लगा सकता कविता ?
मैंने हंस कर कहा- तुम्हारी बात और है अंकल! तुम तो मेरे साथ जबरदस्ती भी कर सकते हो|

वे हंसने लगे।इतने में अंकल का अचानक फोन आ गया तो वे चाय पीकर चले गये।उनके जाने के बाद अंजलि बोली- यार कविता , मुझे लगता है कि तेरे अंकल लण्ड बड़ा सॉलिड होगा।

उनकी नज़रें बता रहीं थीं कि वे तुम्हें अपना लण्ड पकड़ाना चाहते हैं| उन्हें तुमसे प्यार हो गया है।मैंने कहा- अरे यार अंजलि, मैं खुद उनका लण्ड पकड़ना चाहती हूँ।

मैं तो आज ही पकड़ लेती उनका लण्ड … लेकिन एक फोन ने सब काम बिगाड़ दिया बहनचोद!अंजलि बोली, अच्छा पकड़ना तो फिर मुझे भी दिलवा देना उनका लण्ड! मैं भी लण्ड की प्यासी हूँ।

दूसरे दिन शाम को फिर घंटी बज उठी।मैंने दरवाजा खोला तो बोली- अरे आप अंकल … अंदर आओ न प्लीज!मैंने उन्हें बैठाया और फिर एक गिलास पानी का रखा।आज मेरी चूचियाँ कुछ ज्यादा ही खुली हुईं थीं।

अंकल ने पानी पिया और बोले- थैंक यू कविता !मैं उसके सामने बैठ गई।इस समय मैं केवल ब्रालेट पहने थी नीचे एक छोटी सी टाइट नेकर।मैं एकदम एक मॉडर्न गर्ल बनी हुई थी।

फिर मैंने पूछा,अंकल बोलो क्या पियोगे, ठण्डा या गर्म?वे बोले,आज तो मैं व्हिस्की पियूँगा। तुम मेरा साथ दोगी तो!
मैंने कहा,हां जरूर दूँगी।उन्होंने अपनी जेब से हाफ निकाला और मुझे दिया|

फिर क्या … हम दोनों व्हिस्की पीने लगे, सिगरेट भी पीने लगे|हमारा मूड बन गया।मैंने कहा- आज मुझे अपने कॉलेज के दिन याद आ रहें हैं अंकल!फिर क्या … थोड़ा नशा हुआ तो दिल की बातें बाहर निकलने लगीं।

मैंने कहा- अंकल कल आपका फोन आया था| कोई खास बात थी क्या?उन्होंने कहा- नहीं, कोई खास बात नहीं थी। पर हां, कल मुझे तुम्हारी गालियां बड़ी अच्छी लग रहीं थी कविता ।

गांडू की गोरी बीवी की चुदाई – Hindi Sex Story

मेरी बुर के दीवाने ठरकी अंकल - Bur Chudai

मन करता था कि बस सुनता जाऊं? तेरी दोस्त न होती तो मैं तुमसे खुल कर बातें करता|मैंने कहा- तो फिर आज कर लो न खुल कर बातें बहनचोद? आज तो वह बुरचोदी अंजलि नहीं है।

उन्होंने सिगरेट का एक कश लिया और मेरे मम्मों पर धुंआ छोड़ दिया।मैं कहाँ चूकने वाली थी, मैंने भी कश लिया और उनके लण्ड पर धुआं छोड़ दिया।वे बोले- तुम बहुत समझदार लड़की हो कविता !

मैंने कहा, हां, तभी तो मैंने तुम्हारे सवाल का जबाब देकर अपनी इच्छा ज़ाहिर कर दी।

वे बोले- कविता , एक बात है कि हमारे तुम्हारे बीच में उम्र का बड़ा अंतर है।मैंने कहा, उम्र की माँ का भोसड़ा अंकल! औरत उम्र नहीं देखती, औरत मर्द का हथियार देखती है अंकल। हथियार टना टन हो तो उम्र की माँ चूत!

वे बोले,कविता , तुम इतनी हॉट हो कि मैं कल रात भर सो नहीं पाया।मैंने कहा, अरे यार, मुझे भी तुम्हारी बड़ी याद आती रही रात भर!उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया तो मैं भी उसकी जांघ पर हाथ रगड़ने लगी।

तब उन्होंने मेरी चुम्मी ले ली और मेरी नंगी टांगों पर अपना हाथ फिराने लगे।फिर मेरा भी हाथ अपने आप उसके लण्ड तक पहुँच गया।मैं उनकी पैंट के ऊपर से ही लण्ड टटोलने लगी।

मेरे मुंह से निकला- तेरा हथियार तो मादर चोद बड़ा जबरदस्त लग रहा है अंकल?मैं मन ही मन अंकल से पूरी तरह फंस चुकी थी।मुझे बिना उनका लण्ड देखे एक मिनट का भी चैन न था।

मैं जल्दी से जल्दी उन्हें नंगा करना चाहती थी और इसी आवेश में मैंने उनकी शर्ट उतार दी।उनके चौड़े कंधे बलिष्ठ भुजाएं, चौड़ी छाती और पूरा कसरती बदन देख कर मैं उन पर मोहित हो गयी।

तब तक उन्होंने मेरी ब्रा का हुक खोल डाला तो मेरी दोनों मम्मे उसके सामने छलक पड़े।वे मम्मे देख कर मस्त हो गये, उन्हें पकड़ कर सहलाने लगे, मसलने और चूमने लगे।

अंकल मेरे निप्पल मुंह में भर कर चूसने लगे।मैं भी उत्तेजित होने लगी, मज़ा लेने लगी।फिर बड़ी बेशर्मी से मैंने उनकी पैंट उतार दी उनकी नेकर भी खोल डाला।नेकर खुलते ही लौड़े मियां ताल ठोकते हुए बाहर आ गए।

मैंने उसे देखा तो सन्न रह गयी।सांप की तरह फनफनाकर खड़ा हो गया था उनका मोटा तगड़ा लण्ड।लण्ड का अंडाकार 3″ का चिकना टोपा एकदम झकास लग रहा था।

मैंने उसे पकड़ा चूमा और बोली- वाह क्या मरदाना लण्ड है अंकल? ऐसा लौड़ा बहुत कम लोगों का होता है। तुम बड़े लकी हो| तुम्हारा लण्ड लाखों में एक है| मैं तो तुम्हारे लण्ड पर मर मिटी।

मेरा तो दिल आ गया इस मादरचोद लण्ड पर! क्या मस्ताना लण्ड है भोसड़ी का! मज़ा आ गया यार ऐसा लौड़ा देख कर!तब तक उन्होंने मेरी छोटी सी नेकर उतार कर फेंक दी।मैं माँ की लौड़ी उसके आगे एकदम नंगी हो गयी।

मेरा यह पहला मौका था जब मैं शादी के बाद किसी पराये मर्द के आगे नंगी खड़ी थी वह भी उसका नंगा लण्ड पकड़े हुए!
मैं किसी पराये मर्द को पहली बार नंगा देख भी रही थी।

मुझे किंचित मात्र भी न शर्म थी और न झिझक … मैं बिंदास अपनी जवानी का मज़ा लूटने लगी|मैंने मन में कहा कि मैं झांट किसी की परवाह नहीं करूंगी। अब तो मैं एक नहीं, कई लण्ड का मज़ा लूंगी।

बस मैं अंकल का लण्ड बड़े प्यार से चाटने लगी और अंकल भी उसी प्यार से मेरी फुद्दी चाटने लगे।मेरी चूत बहुत गर्मा चुकी थी।अंकल उसमें बार बार अपनी उं गली घुसेड़ रहे थे।

मैंने धीरे से अपनी टाँगें फैलाई तो मेरी चूत पूरी तरह खुल गयी|अंकल को यही चाहिए था।उन्होंने फ़ौरन लण्ड पेल दिया अंदर और बिना रुके चोदने लगे मुझे!

मैं भी अपने कॉलेज के दिनों को याद कर कर के चुदवाने लगी … मैं एन्जॉय करने लगी।मुझे लगा कि आज मैं सच में अपनी सुहागरात मना रही हूँ।अपनी सुहागरात में भी मुझे इतना मज़ा नहीं आया था।

मैं बोली- अंकल, मुझे अपनी बीवी समझ कर चोदो। मैं ही तुम्हारी असली बीवी हूँ, मुझे चोदो। मेरी बुर चोदो, मेरी चूत चोदो, मेरी गांड चोदो। मैं तुम्हारी ही हूँ, जैसे चाहो वैसे चोदो। तुम्हारा लण्ड बड़ा मज़ा दे रहा है यार!

वे बोले- ले भोसड़ी की कविता , आज मैं फाड़ डालूँगा तेरी चूत … भोसड़ा बना दूंगा मैं तेरी चूत का! मैंने जब दिल्ली में तुझे पहली बार देखा था तो मेरा लण्ड खड़ा हो गया था| |

आज देख वही लण्ड तेरी चूत में घुसा है। तेरी माँ की चूत … तू भोसड़ी वाली एकदम रंडी है और मैं रंडियां खूब चोदता हूँ। मैं दिल्ली में रंडियां चोदने ही आता हूँ। मैं हर रोज़ 2/3 लड़कियों की चूत में लण्ड पेलता हूँ।

अंकल को जोश आ गया था, वे बोलते रहे- मैं खुद बहुत बड़ा हरामजादा हूँ। मैं रंडीबाज हूँ, लौडियाबाज़ हूँ। मैं अपने दोस्तों की बीवियां फंसा फंसा कर चोदता हूँ।

बीवियां भी बुरचोदी मेरे लण्ड की दीवानी है और बार बार मुझसे चुदवाने आतीं हैं।सच में अंकल बड़े मूड में थे और मस्ती से अपनी ही पोल खोल रहे थे।चुदाई का नशा शराब के नशे से ज्यादा ताकतवर होता है।

भाभी की सेक्स की भूख मिटती नहीं – Bhabhi Sex Story

मेरी बुर के दीवाने ठरकी अंकल - Bur Chudai

दूसरे की बीवी चोदने के नशे में वह सब सच उगल देता है।मुझे अंकल की बातें, उनका जोश, उनकी गालियां सब कुछ बड़ा अच्छा लग रहा था।मैं अपनी गरम चूत में ओल्ड लंड एन्जॉय कर रही थी।

मेरा मन सातवें आसमान पर था।इस तरह उन्होंने मुझे हर तरफ से चोदा और मैं भी खूब मन से चुदी।मैंने उसे रात में रोक लिया और तब उन्होंने मुझे रात में 3 बार चोदा।सुबह उठ कर वे चले गये।

उस दिन मुझे अहसास हुआ कि बड़े लोगों से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है।गरम चूत में ओल्ड लंड कहानी पर अपने विचार मुझे बताएं|

ऐसी कयामत भरी चुदास कहानी पढ़ने के लिए  www.antarvasnastory.net.in पर बने रहना। हम आपको पूरा यकीन दिलाते हैं आपकी पसंद की हर कहानियां लेकर आएंगे। और चुत औऱ लन्ड की गर्मी शांत करते रहेंगे।

और कहानियाँ पढ़ें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *